रांची: कोरोना संक्रमण रोकने के लिए झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. इसके तहत लगाई गई पाबंदियों के उल्लंघन पर मंगलवार को पुलिस ने ड्यूटी पर जा रहे कई बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई कर दी थी, इसको लेकर झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स एसोसिएशन ने आपात बैठक की. इस दौरान बिजलीकर्मियों के पहचान पत्र को ही ई-पास मानने की मांग की. कर्मचारियों ने कहा कि बिजली आपूर्ति आपातकालीन सेवा है. इसलिए विभाग के कर्मचारियों को ई-पास की शर्त से छूट दी जाए. कर्मचारियों ने बैठक में आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन E-PASS की आड़ में बिजलीकर्मियों को परेशान कर रही है.
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चालान काटने से नाराज हुए बिजलीकर्मी
बिजलीकर्मियों ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि दिन-रात 24 घंटे काम करने वाले बिजलीकर्मी भी E-PASS के चक्कर में फंसे हुए हैं. ऐसे समय में जब कोविड का संकट है और मेडिकल संस्थानों और आम लोगों को बिजली की बहुत जरूरत है. यदि इसी तरह E-PASS के नाम पर बिजलीकर्मियों पर फाइन लगाया जाता रहेगा तो शहर में बिजली व्यवस्था कैसे सुचारू रहेगी.
पहचान पत्र दिखाने के बावजूद फाइन काटना गलत: एसोसिएशन
बिजलीकर्मियों के संगठन के नेताओं ने कहा कि जब पुलिस को पहचान पत्र भी दिखाया गया तो भी नरमी नहीं बरती गई. बिजलीकर्मियों के एसोसिएशन ने कहा कि पहचानपत्र दिखाने पर भी फाइन काटना गलत है. बैठक में बिजलीकर्मियों ने कहा कि अगर यही रवैया रहा तो संबंधित पुलिस थाना, चौकी का एक दिन के लिए तकनीकी खामी बता कर लाइन काट दिया जाए, तब पुलिस वालों को समझ आएगा कि बिजली कितनी जरूरी सेवा में से एक है. बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने बोला जाय तो E-PASS नहीं होने का हवाला दे कर पूरे दिन बिजली ठप रखी जाए.
क्या कहते हैं रांची के जीएम
पूरे मामले पर जीएम पीके श्रीवास्तव ने कहा कि हमें रांची टाउन के सभी स्थानों पर सभी अस्पतालों, कोविड केंद्रों, टीकाकरण केंद्रों में भी निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करनी है. इस कठिन परिस्थिति में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और पुलिसकर्मियों से सहयोग चाहिए, ऐसे में ड्यूटी पर जा रहे हमारे कर्मियों के पहचानपत्र को देखकर पुलिस सहयोग करे.
5500 रुपये का काटा था चालान
धुर्वा में कार्यरत सचित कुमार नाम के बिजलीकर्मी के निगम के जारी पहचान पत्र को दिखाने के बावजूद E-PASS नहीं होने पर 5500 रुपये का चालान पुलिस ने काट दिया था. जिससे सभी बिजलीकर्मी आक्रोशित हो गए, उनकी मांग है कि झारखंड बिजली वितरण निगम या कोई अनुषंगी इकाई के अधिकारी के जारी पहचान पत्र को E-PASS के अनुरूप मान्यता दी जाय.