रांचीः राजधानी में बाइक के जरिए होने वाली अवैध कोयले की ढुलाई पुलिस वालों के लिए कमाई का जरिया बन गया (Policeman collecting money) है. रांची के विभिन्न चौक चौराहों पर तैनात पुलिस वाले पैसे लेकर बाइक के जरिए अवैध कोयले की ढुलाई को पासिंग देने का काम कर रहे हैं. रांची के बूटी मोड़ के पास एक पुलिसवाला कोयला वाले से पैसे लेते हुए कैमरे में कैद हो गया.
आज भी फेंके हुए पैसे उठाती है ये पुलिस! वीडियो में देखिए कैसे
रांची में कोयला तस्करी और इसका अवैध कारोबार जारी है. इसके पीछे वजह है कि अवैध रूप से कोयला लेकर चलने वालों से विभिन्न चौक-चौराहों पर तैनात सिपाही पैसे वसूलते (Policeman collecting money) हैं. लेकिन इनका तरीका भी अपने आप में अनोखा है, क्योंकि एक नजर में देखने में ऐसा लगेगा कि सड़क से गिरे हुए पैसे उठाए गए हैं. ईटीवी भारत की इस वीडियो में देखिए, पुलिस की वसूली की काली करतूत.
बूटी मोड़ के पास की घटनाः रांची के बूटी मोड़ के पास पीसीआर के जवान खुलेआम कोयला वालों से पैसे की वसूली करते हैं. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि जिस जगह पैसे की वसूली होती है, वह जगह पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है, कंट्रोल रूम से हर पल उस सड़क पर नजर रखी जाती है. इसके बावजूद दुस्साहस ऐसा कि सबको नजरअंदाज कर बड़े शातिर ढंग से पैसे वसूले जाते हैं. रांची के बूटी मोड़ के पास बनाए गए इस वीडियो को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि राजधानी में किस कदर चौक चौराहों पर पुलिस अवैध कोयले की पासिंग (illegal passing of coal) में मददगार साबित हो रही है. इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि बाइक पर सवार एक कोयला कारोबारी सड़क पर पैसे गिरा देता है. थोड़ी देर बाद वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी उसे हाथ से जाने का इशारा करता है, जिसके बाद वह कोयला लेकर चले जाता है. पल भर में ही वह पुलिस वाला बेफिक्री से टहलता हुआ वहां आता है जहां तस्कर की बाइक रुकी हुई थी और वहां गिरा हुआ पैसा उठाकर अपनी जेब में रख लेता (collecting money from coal smugglers) है.
अधिकारियों को भी मिला है वीडियोः पुलिस की वसूली का वीडियो रांची के सीनियर पुलिस अधिकारियों को भी उपलब्ध करवाया गया है. बूटी मोड़ का इलाका सदर थाना क्षेत्र में आता है, सदर थाना प्रभारी ने पूरे मामले की जांच की बात कही है. हालांकि वीडियो देखकर जांच की कितनी जरूरत है, इसका अंदाजा तो सभी लगा सकते है. अब देखना होगा कि आलाधिकारी इसको लेकर किस तरह का कदम उठाते हैं.