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झारखंड में निमोनिया से बचाने वाली वैक्सीन PCV लॉन्च, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-नौनिहालों की बचेगी जान

झारखंड गुरुवार को बच्चों को निमोनिया से बचाने की वैक्सीन लॉन्च करने वाला देश का छठा राज्य बन गया. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने आवास से इसको लॉन्च किया. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने टीका लगवाने वाले बच्चे को दुलारा.

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Published : Jun 17, 2021, 4:41 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 10:35 PM IST

6th state to pneumonia vaccine in Jharkhand  launch
झारखंड गुरुवार को बच्चों को न्यूमोनिया से बचाने की वैक्सीन लॉन्च करने वाला देश का छठा राज्य बन गया.

रांचीःझारखंड गुरुवार को बच्चों को निमोनिया से बचाने की वैक्सीन लॉन्च करने वाला देश का छठा राज्य बन गया. राज्य के डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और नौ माह के बच्चों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गुरुवार को झारखंड में पहली बार निमोनिया के बचाव के लिए पीसीवी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर अनन्या को पहला टीका लगाया गया. बच्ची के साथ उसकी मां नेहा उपस्थित रहीं और टीका सहिया दीदी रंजना चौधरी ने लगाया.

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केंद्र सरकार से मिली है 72 हजार वैक्सीन

झारखंड राज्य को केंद्र सरकार ने 72 हजार न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (PCV) मुहैया कराई है. पीसीवी झारखंड में टीकाकरण अभियान का 12वां टीका होगा जो नवजात को सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क लगाया जाएगा. टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनस, खसरा, HIB(Haemophilus influenzae type b), रूबेला, जापानी इंसेफलाइटिस और रोटा वायरस के बाद PCV को रूटीन इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम में शामिल किया गया है.

पीवीसी टीका लॉन्च किया गया.
स्वास्थ्य मंत्री ने पीसीवी टीका लगने के बाद नवजात को दुलाराअपने आवास पर पीसीवी की लॉन्चिंग के बाद लाभुक नवजात को स्वास्थ्य मंत्री ने दुलारा. इसके अलावा मां को गिफ्ट देकर घर से विदा किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीसीवी वैक्सीन से अब नौनिहालों की जान बचाई जा सकेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक आंकड़े के अनुसार हर साल 15 प्रतिशत बच्चों की असामयिक मौत निमोनिया से हो जाती है जिसे अब रोका जा सकेगा.

क्या है निमोनिया

चिकित्सकों का कहना है कि निमोनिया फेफड़े में सूजन वाली एक परिस्थिति है. जिससे फेफड़े की कार्य क्षमता प्रभावित होती है. इससे खून में जरूरी ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता. इसकी वजह बैक्टीरिया, वायरस और फंगस हो सकते हैं.

क्या हैं प्रमुख लक्षण

निमोनिया के प्रमुख लक्षण संक्रमित में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में कठिनाई का होना है. निमोनिया का पता लगाने के लिए एक्स रे और बलगम कल्चर जांच की जाती है.

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PCV टीका लॉन्च करने वाला देश का छठा राज्य बना झारखंड

इससे बचाव के लिए झारखंड समेत पूरे देश में बच्चों को पीसीवी का टीका लगाया जाने वाला है, जिसे आज झारखंड में लॉन्च किया गया. इसी के साथ झारखंड PCV टीका लॉन्च करने वाला देश का छठा राज्य बन गया है.

आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचे, इसके लिए प्रयास जारी : बन्ना गुप्ता

रांचीः पीसीवी टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार सीमित संसाधनों में भी बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ झारखंड की जनता को देने का प्रयास कर रही है. राज्य की जनता का हक है कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिले इसके लिए सरकार भी संकल्पित है और प्रयास कर रही है कि सुदूर ग्रामीण इलाकों के अंतिम परिवार के अंतिम व्यक्ति तक लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जा सके. उन्होंने कहा कि हमारे प्रयासों से झारखंड कुछ कार्यक्रमों में राष्ट्रीय औसत से आगे है तो कुछ को समकक्ष लाने के प्रयास जारी हैं.

झारखंड में न्यूमोनिया से बचाने वाली वैक्सीन PCV लॉन्च
शिशु मृत्यु दर में हमारा औसत अच्छास्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 34 से घटकर 29 हो गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 33 है. यदि मातृ मृत्यु दर की बात करें तो राज्य में प्रति लाख आबादी पर 165 से यह आंकड़ा घटकर 76 पहुंच गई है जबकि राष्ट्रीय औसत 122 है. राज्य में सरकारी अस्पताल में सुरक्षित संस्थागत प्रसव दर 61.90% थी जो बढ़कर 83% हो गई है. यदि प्रजनन दर की बात करें तो राज्य में प्रजनन दर 2.8% से घटकर 2.5% हो गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत दर 2.2% है. वहीं उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार राज्य में बेटा- बेटी को एक समान दर्जा और अधिकार देने का विचार रखती है, जिसका परिणाम है कि जन्मलिंग अनुपात प्रति हजार 910 से बढ़कर 916 हुआ है जबकि राष्ट्रीय औसत 896 है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बच्चे को दुलारा
राज्य में साढ़े आठ लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्यस्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि पीसीवी टीकाकरण की शुरुआत कर दी गई है. निमोनिया 5 साल से कम आयु के बच्चों में रोग और मृत्यु का मुख्य कारण है, जिससे 15% बच्चों की मृत्यु हो जाती है. उन्होंने बताया कि इस टीकाकरण अभियान के बाद ऐसे मामलों में भारी कमी आएगी. उन्होंने बताया कि पीसीवी अब से पूरे राज्य में 1 साल से कम आयु के बच्चों को 6 हफ्ते, 14 हफ्ते और 9 महीने पूरा करने पर दी जाएगी. राज्य में करीब 8.50 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए आंगनबाड़ीकर्मियों और सहिया दीदियों के अलावा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.
पीवीसी टीका इन बच्चों को लगवाया गया
क्या कहते हैं विशेषज्ञरांची में डोरंडा सीएचसी की इंचार्ज डॉ. प्रभावती सिन्हा कहती हैं कि कई राज्यों में यह पहले से शुरू था, अब झारखंड में टीका लॉन्च किया गया है. इससे न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया से बचाव होगा और बच्चों की जान बच सकेगी. इसके लिए नर्सों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. ANM शाहीना परवीन ने बताया कि यह टीका बच्चों के दाहिनी ओर जांघ में लगाना होता है.

कोरोना से राहत दिलाने की भी संभावनाः डॉ. विकास

वहीं रिम्स के डॉ. विकास का कहना है कि यह कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद होने वाले खतरे को भी कम करेगा. रिम्स के डॉक्टर विकास का कहना है कि पीसीवी वैक्सीन न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से बचाव करता है पर US की एक प्रतिष्ठित जर्नल की रिपोर्ट और स्टडी बताती है कि कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली फेफड़े के संक्रमण से भी बचाव करती है और दवाओं का अच्छा असर होता है पर यह एक स्टडी रिपोर्ट मात्र है.

Last Updated : Jun 17, 2021, 10:35 PM IST

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