रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली लगभग सभी परीक्षाएं विवाद से घिरी हुई हैं. सातवीं से दसवीं जेपीएससी मामले में फिर एक नया पेच फंस गया है. आयोग के द्वारा निकाले गए संशोधित प्रारंभिक परीक्षा रिजल्ट में बाहर हुए अभ्यर्थी ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. प्रार्थी का कहना है कि प्रारंभिक रिजल्ट में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी का रिजल्ट 15 गुणा होना सही नहीं है. इसलिए नए संशोधित रिजल्ट जारी किया जाना गलत है. इस रिजल्ट को रद्द कर फिर से रिजल्ट जारी करने की मांग की गई है. कैलाश प्रसाद सहित अन्य की ओर से प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित परिणाम के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
सातवीं से दसवीं जेपीएससी में नया विवाद शुरू, हाई कोर्ट में याचिका दायर
सातवीं से दसवीं जेपीएससी मामले में फिर एक नया पेच फंस गया है. आयोग के द्वारा निकाले गए संशोधित प्रारंभिक परीक्षा रिजल्ट में बाहर हुए अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
प्रार्थी की ओर से दायर याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 15 गुना परिणाम जारी करना जरूरी नहीं है. ऐसा करना झारखंड कंबाइंड सिविल सेवा परीक्षा नियमावली 2021 का उल्लंघन है. याचिका में यह भी कहा गया है कि पूर्व के पीटी के परिणाम में दिव्यांग जनों के लिए कटऑफ निर्धारित किया गया था. लेकिन संशोधित परिणाम में कोई कट ऑफ जारी नहीं किया गया है.
झारखंड लोक सेवा आयोग ने पूर्व में सातवीं से दसवीं जेपीएससी पीटी रिजल्ट जो निकाला था. उसे कैटेगरी के अनुसार निकाला था. उस रिजल्ट को पीटी में असफल अभ्यर्थियों ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दी थी. उनका कहना था कि इस तरह से रिजल्ट निकालने से एक तरह से पीटी में आरक्षण देना है. यह गलत है. अदालत में मामले की सुनवाई के उपरांत आयोग से जवाब मांगा गया था. आयोग ने जवाब से पूर्व अपनी गलती को समझकर अदालत से इसे सुधारने की बात कही. जिसके बाद पूर्व में याचिका दायर करने वाले प्रार्थी ने अपनी याचिका वापस ले ली. आयोग ने संशोधित पीटी रिजल्ट निकाला है. उस संशोधित रिजल्ट पब्लिश करने की वजह से 406 पूर्व चयनित अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं. जिनकी ओर से याचिका दाखिल कर संशोधित परिणाम को रद्द करने की मांग की गई है.