रांची:...जरा अदब से नाम लीजिए साहब...मैं प्याज बोल रहा हूं. लौकी, भिंडी, परवल, गोभी, टमाटर से ऊपर हैसियत है हमारी. पेट्रोल-डीजल की तरह शतक तो नहीं मारा लेकिन पहले कई बार सेंचुरी लगा चुका हूं. वह दिन दूर नहीं जब आप मुझे एक बार फिर सेंचुरी का बल्ला उठाते देखेंगे. प्याज की अगर जुबान होती तो यह आप जरूर सुनते. एक बार नहीं साल में कई बार सुनते. सचमुच प्याज की बढ़ती कीमत लोगों के आंसू निकाल रहे हैं. क्या अमीर-क्या गरीब. इस प्याज ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है. चार दिन पहले 35 से 40 रुपए बिकने वाला प्याज अब 60 के पार पहुंच गया है. हालात ऐसे हैं कि लोगों ने प्याज का इस्तेमाल भी कम कर दिया है. रोज दो किलो खरीदने वाले अब सिर्फ आधा किलो में ही काम चला रहे हैं.
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तीन गुना बढ़ गई प्याज की कीमत
खरीदार बताते हैं कि प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से सब्जी का स्वाद खत्म होता जा रहा है. पिछले एक महीने में प्याज की कीमत तीन गुना बढ़ गई है. प्याज की आसमान छूती कीमतों का जेब पर भारी असर पड़ रहा है. हालात ऐसे हैं कि लोगों ने प्याज का इस्तेमाल भी कम कर दिया है. रोज दो किलो खरीदने वाले अब सिर्फ आधा किलो में ही काम चला रहे हैं.