रांची:कांग्रेसजिलाध्यक्षों की सूची जारी होते ही कांग्रेस में मचे घमासान के बीच मंगलवार देर शाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने प्रेस वार्ता कर संगठन के अंदर उठे विवाद पर सफाई दी (PCC President Rajesh Thakur clarified on allegations). कांग्रेस भवन में आयोजित इस प्रेस वार्ता में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की भी मौजूद थे.
जिलाध्यक्षों की सूची जारी होते ही कांग्रेस में मचा घमासान, पीसीसी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दी सफाई
झारखंड में कांग्रेस का आंतरिक कलह एक बार फिर से दिखाई दे रहा है. एक और जहां कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने राजेश ठाकुर और अविनाश पांडे के खिलाफ प्रदेश कार्यालय में ही प्रदर्शन किया. अब राजेश ठाकुर ने उसपर सफाई दी है (PCC President Rajesh Thakur clarified on allegations).
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि काम के दौरान छोटी मोटी कमियां जरूर होती हैं जिसे दूर करने की कोशिश की जाती रही है. 48 घंटे के अंदर 4 जिलों में पार्टी के जिला अध्यक्षों के बदले जाने पर राजेश ठाकुर ने कहा की पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने पूरे मंथन करने के बाद यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जो शिकायतें आई हैं वह दूर कर ली जाएंगी. संगठन में सभी धर्म, जाति,संप्रदाय का समावेश होना चाहिए जिसका ख्याल रखा जा रहा है.
राजेश ठाकुर ने कहा कि 20 सूत्री कमेटी के गठन में इसका पार्टी ने खास ख्याल रखा और आने वाले समय में 15 सूत्री कमेटी जो शीघ्र ही जारी होने वाली है उसमें आप सभी देखेंगे. यह 15 सूत्री कमिटी अल्पसंख्यकों के लिए ही है.उन्होंने प्रदेश कमेटी के भी शीघ्र गठित होने का संकेत दिया.
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस के 25 जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के महज 48 घंटे के भीतर पार्टी का आंतरिक कलह फिर सतह पर आ गया. 4 दिसंबर को जिलाध्यक्षों की सूची जारी हुई थी. इसमें 8 जिलों की जिम्मेदारी ब्राह्मणों को दी गई थी. जबकि महिला, मुस्लिम और दलित समुदाय से किसी को जगह नहीं मिली थी. इसके खिलाफ कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी समेत कई कार्यकर्ता सोशल मीडिया के जरिए अपने गुस्से का इजहार कर रहे थे. लेकिन मंगलवार को कुछ कार्यकर्ता प्रदेश कार्यालय कैंपस पहुंच गये और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का पुतला फूंक दिया और नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिलाध्यक्षों के चयन में प्रभारी ने मनमानी की है.