झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रघुवर सरकार में RTE में किए गए संशोधन से राज्य के स्कूल परेशान, पासवा ने की नियम बदलने की मांग - Private Schools and Children Welfare Association

झारखंड की पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने आरटीई कानून में संशोधन किया था. जिसका प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन(पासवा) ने विरोध किया है. कानून में किए संशोधन में बदलाव की मांग को लेकर पासवा प्रदेश अध्यक्ष शिक्षा सचिव और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे.

paswa-opposed-the-changes-made-in-rte-in-jharkhand
रघुवर सरकार में RTE में किए गए संशोधन से राज्य के स्कूल परेशान

By

Published : Oct 10, 2021, 9:59 AM IST

रांची: प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन(पासवा) के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में राइट टू एजुकेशन में किये गये संशोधन का विरोध किया है. आलोक कुमार दुबे ने कहा है कि पूरे देश में आरटीई के एक नियम लागू हैं, लेकिन झारखंड में वर्ष 2011 में नियम बदल दिया गया. इससे प्राइवेट स्कूल संचालक काफी परेशान हैं.

यह भी पढ़ेंःछठी से ऊपर के सभी कक्षा खोले जाने का पासवा ने किया स्वागत, मुख्यमंत्री को दी बधाई

पासवा ने कहा कि रघुवर सरकार में आरटीई में किए गए संशोधन सिर्फ अव्यावहारिक ही नहीं, बल्कि निजी स्कूलों को बंद करने की साजिश भी है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की मान्यता प्राप्त करने में गंभीर अड़चन डाला गया है. इससे राज्य में नये निजी स्कूल खुल नहीं रहे हैं. आरटीई कानून जो पूरे देश में लागू है, वह झारखंड में भी लागू होना चाहिए.

जानकारी देते पासवा के प्रदेश अध्यक्ष

सैकड़ों स्कूल हुए बंद
आलोक दुबे ने कहा 17 महीने कोरोना काल रहा. इस दौरान सैकड़ों स्कूल बंद हो गये. वर्त्तमान में जारी अधिसूचना के तहत नियम 12(1) में संशोधन कर मान्यता के लिए आवेदन निरीक्षण शुल्क कक्षा 1 से 5 तक 12500 और कक्षा 1 से 8 के लिए 25000 है. इसके अतिरिक्त विद्यालय संचालन के लिए 100000 का फिक्स्ड डिपॉजिट अस्थाई रूप से सुरक्षा कोष में रखना अनिवार्य किया गया है. यह राशि स्कूल संचालक कहां से देंगे.

शिक्षा सचिव से मिलेंगे पासवा अध्यक्ष

पासवा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि निजी स्कूलों पर अंकुश लगाया गया, तो सरकारी स्कूलों की व्यवस्था क्यों नहीं सुधारी गई. सरकारी स्कूलों की व्यवस्था क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है. उन्होंने कहा कि आरटीई में किए गए बदलाव को खत्म करने की मांग को लेकर सोमवार को शिक्षा सचिव से मुलाकात करेंगे और वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर अपनी मांग रखेंगे. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की मान्यता के लिए भूमि की बाध्यता, शिक्षकों का टेट पास होना, अग्निशामक, तड़ित चालक आदि बिंदुओं को अनिवार्य किया गया है, जिसे हटाने की जरूरत है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details