रांचीः राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय का घेराव किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. स्वयं सेवकों ने कहा कि उनकी पांच सूत्री मांगों की रघुवर सरकार अनदेखी कर रही है.
'इस बार रघुवर पार'
बड़ी संख्या में भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय स्वयं सेवकों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर शाम से राजभवन के सामने आमरण अनशन शुरू करेंगे. प्रदर्शन के दौरान स्वयंसेवकों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे 'इस बार रघुवर पार' का नारा देकर सरकार को उखाड़ फेकेंगे. स्वयं सेवकों ने कहा कि केंद्र से झारखंड आने वाले मंत्री रघुवर दास की पीठ थपथपाते हैं लेकिन उन्हें मामूल होना चाहिए कि सरकार की इस उपलब्धि के पीछे कहीं न कहीं स्वयं सेवकों का हाथ है. प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें सरकार ने प्रोत्साहन राशि नहीं दी है.
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दो सौ दिन गुजरने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं
स्वयं सेवक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पावेल कुमार ने बताया कि पूरे राज्य में स्वयंसेवकों की संख्या 18 हजार है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ वार्ता हुआ थी और उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को दस दिन के भीतर बकाया प्रोत्साहन राशि और पहचान पत्र देने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके करीब दो सौ दिन गुजर गए और अबतक समस्या का समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि एक प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य पूरा कराने पर एक पीएसएस यानी पंचायत स्वयं सेवक को 1200 रुपये मिलते हैं. जाति, आय और आवासीय बनाने पर प्रत्येक होल्डिंग हाउस के आधार पर पचास रुपए और वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन के तहत प्रति लाभुक दस रुपए सरकार देती है. लेकिन पिछले तीन वर्षों से टुकड़ों में पैसे दिए जा रहे हैं.
पीएसएस की क्या हैं मांगें
भाजपा ऑफिस के सामने धरना पर बैठे स्वयंसेवकों ने राज्य सरकार से सेवा नियमित करने, प्रोत्साहन राशि की जगह उचित मानदेय तय करने, स्वयं सेवकों की मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख का मुआवजा देने, राज्य स्तर पर स्वयं सेवकों की मोनिटरिंग सेल का गठन करने और अभी तक किये गए कार्यों की बकाया राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग की. इससे पहले बड़ी संख्या में पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवक हरमू मैदान में जुटे और प्रदेश भाजपा कार्यालय तक विरोध मार्च किया.