रांचीः राज्य में वर्ष 2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यकाल 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण सरकार ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की मांग पर 6 महीने तक कार्यकाल बढ़ा दिया. इससे पंचायत जनप्रतिनिधियों को सारे अधिकार अब तक मिले हैं. विघटन की तिथि से मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष, प्रधान कार्यकारी समिति के पदनाम के साथ अपना पद संभाल रहे हैं, बढ़ा कार्यकाल भी 31 जुलाई को खत्म हो रहा है. इधर जुलाई में भी अभी चुनाव कराना संभव नहीं दिख रहा है. इससे राज्य सरकार नवंबर-दिसंबर में पंचायत चुनाव कराने पर विचार कर रही है. इसके लिए सरकार विधिक सलाह लेगी.
झारखंड में पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने की संभावना, फिर कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सरकार लेगी विधिक सलाह
झारखंड में पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में होने वाले थे. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पंचायतों का कार्यकाल छह माह बढ़ा दिया गया था. इधर, जुलाई में भी पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं दिख रहा है. इससे सरकार विधिक सलाह लेकर चुनाव नवंबर-दिसंबर में कराने की योजना पर विचार कर रही है.
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जनवरी में जारी अधिसूचना के बाद से त्रिस्तरीय पंचायती राज के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल फिर बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. पंचायती राज विभाग ने इसको लेकर कानूनी सलाह लेने का निर्णय लिया है. बुधवार को विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने इसकी समीक्षा करते हुए कहा कि विधिक परामर्श के बाद सरकार समुचित कदम उठाएगी.
कोरोना संक्रमण के कारण हो रहा विलंब
2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में मुखिया के 4402, जिला परिषद क्षेत्र के 545, पंचायत समिति सदस्य के 5423 और ग्राम पंचायत सदस्य के 54330 पदों के लिए चुनाव हुए थे. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही मतदाता सूची तैयार करने के साथ साथ नए तरीके से निर्वाचन क्षेत्रों का पुर्नगठन आदि कार्य शुरू कर दिए थे. पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि इस वर्ष नवंबर दिसंबर से पहले चुनाव कराना संभव नहीं है. सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव तैयारी में विलंब हुआ है.