रांची: भारत सरकार के कोल ब्लॉक के नीलामी मामले को लेकर झारखंड में विपक्ष लगातार विरोध के स्वर ऊंचे कर रहे हैं. इसी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में भाकपा माले कार्यालय में विपक्ष के नेताओं ने मिलकर एक बैठक की जिसमें वामदल, कांग्रेस, जेएमएम, राजद सहित कई सामाजिक संगठन के लोग मौजूद रहे.
रांची: कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर विपक्ष एकजुट, 23 जुलाई को करेगा केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
कोल ब्लॉक नीलामी को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है. रांची में भाकपा माले कार्यालय में विपक्ष के नेताओं ने मिलकर एक बैठक की जिसमें वामदल, कांग्रेस, जेएमएम, राजद सहित कई सामाजिक संगठन के लोग मौजूद रहे. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि भारत सरकार लगातार मजदूरों और कोल इंडिया को कमजोर करने का प्रयास कर रही है.
बैठक का नेतृत्व कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि भारत सरकार लगातार मजदूरों और कोल इंडिया को कमजोर करने का प्रयास कर रही है, कोयला मजदूरों और कोल इंडिया को मजबूत करने के लिए इंदिरा गांधी की सरकार ने कोल इंडिया को नेशनलाइज करने का काम किया था, लेकिन मोदी सरकार ने कोल इंडिया और अपने दूसरे चरण में गुपचुप तरीके से अपने पूंजीपति मित्रों को कोल ब्लॉक की नीलामी किया है. उन्होंने बताया कि झारखंड में देश का 45 से 46% खनिज मौजूद है, उसके बावजूद भी झारखंड को केंद्र सरकार नजर अंदाज कर रही है, साथ ही उन्होंने राज्य सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आपत्ति दर्ज कराते हुए सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की है जो निश्चित रूप से सराहनीय है.
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वहीं, सीपीआई के पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने बताया कि अगर सरकार कोल इंडिया और कोयला मजदूरों के खिलाफ काम करती रही और कोल ब्लॉक आवंटन के निर्णय को वापस नहीं लेती है, तो आने वाले समय में विरोध और भी उग्र तरीके से किया जाएगा. भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि फिलहाल 23 जुलाई को पूरे राज्य के मुख्यालय में सभी विपक्षी दल अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे और हूल क्रांति दिवस के मौके पर 9 अगस्त को विपक्षी दल कोल ब्लॉक नीलामी के खिलाफ राजभवन के सामने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए विरोध कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगा.