रांची: कोरोना काल में लगातार दूसरे साल भी भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के एकांतवास से लौटने पर यात्र नहीं निकाली जाएगी. रथ यात्रा की इजाजत नहीं देने के लिए मुख्यमंत्री ने भी दुख जताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इसलिए सरकार ने भी समय-समय पर कई कड़े कदम उठाए. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना के कहर से बचाव के लिए ही न चाहते हुए भी सरकार ने शिक्षण संस्थान बंद किये, दुकानें बंद की और कई तरह के प्रतिबंध लगाए. उन्होंने कहा कि आज भी महामारी का खतरा मंडरा रहा है. इसलिए बड़े धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने लोगों से घर में ही रह कर भगवान जगन्नाथ की पूजा करने की अपील की है.
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एचईसी परिसर के जगन्नाथपुर स्थित भगवान जगन्नाथ जी की सादगी से नेत्रदान अनुष्ठान(eye donation ritual) को संपन्न कराया गया. कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक नेत्रदान अनुष्ठान में केवल मंदिर के पुजारी और सेवक शामिल हुए. भगवान जगन्नाथ जी के नेत्रदान अनुष्ठान के बाद विशेष आरती की गई. अब नौ दिन तक भगवान दर्शन मंडप में रहेंगे. यहीं पर पुजारियों की ओर से दैनिक पूजा का आयोजन होगा. भगवान जगरनाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ 24 जून को एकांतवास पर चले गए थे. इस दौरान दर्शन मंडप में प्रतीक तौर पर पूजा-अर्चना और आरती का काम चलता रहा.