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झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लेवी के लिए दबिश बढ़ा रहे नक्सली, रांची में भी संगठनों ने शुरू की घेराबंदी - रांची में नक्सली संगठन सक्रिय

झारखंड में नक्सली लॉकडाउन का फायदा उठा रहे हैं. नक्सली हाल के दिनों में राजधानी रांची से लेकर राज्य के अलग अलग हिस्सों में माओवादी और दूसरे नक्सली संगठन सक्रिय हो गए हैं. गुरुवार की सुबह रांची के तुपुदाना स्थित टॉरियन वर्ल्ड पब्लिक स्कूल और खूंटी के हुटार में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई ने पोस्टरबाजी भी की है.

Naxalites dominating levy in different parts of Jharkhand
झारखंड में बढ़ा नक्सलियों का दबदबा

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Published : Jul 16, 2020, 10:19 PM IST

रांची: झारखंड में लॉकडाउन के बाद नक्सली संगठनों की दबिश राज्य भर में बढ़ी है. लॉकडाउन का फायदा उठाकर राजधानी रांची से लेकर राज्य के अलग अलग हिस्सों में माओवादी और दूसरे नक्सली संगठन सक्रिय हुए हैं.

पोस्टरबाजी से दहशत
गुरुवार की सुबह रांची के तुपुदाना स्थित टॉरियन वर्ल्ड पब्लिक स्कूल और खूंटी के हुटार में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई ने पोस्टरबाजी की. पोस्टर के जरिए नक्सली संगठन ने इलाके में खदान और क्रशर संचालकों को धमकी दी है. पीएलएफआई ने धमकी दी है कि बगैर संगठन के इजाजत काम करने वाले क्रशर संचालकों के खिलाफ फौरी कार्रवाई की जाएगी. पोस्टर को पूर्वी छोटानागपुर सबजोनल कमांडर विशाल जी के नाम से जारी किया गया है. गौरतलब है कि हाल के दिनों में राजधानी के आसपास के इलाके में माओवादियों और पीएलएफआई उग्रवादियों की दबिश बढ़ी है.



कहां कहां कैसे रांची के आसपास बढ़ी दबिश
हाल के दिनों में पीएलएफआई नक्सलियों की दबिश नामकुम, टाटीसिल्वे, अनगड़ा, सिल्ली के इलाके में हुई है. राज्य पुलिस की खुफिया एजेंसी तक जो सूचनाएं पहुंची हैं, उसके मुताबिक ग्रामीण इलाकों में बेरोजगार युवकों को झांसे में लेकर पीएलएफआई संगठन का विस्तार कर रहा है. पीएलएफआई के अखिलेश गोप, तुलसी पाहन जैसे उग्रवादी रांची में सक्रिय हैं.


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खलारी-बुढमू में माओवादियों की धमक
दूसरी तरफ रांची से सटे खलारी और बुढमू में माओवादियों की धमक शुरू हो गई है. इस इलाके में टीपीसी का वर्चस्व रहा है. इसी महीने टीपीसी के उग्रवादियों ने बुढमू में पूर्व माओवादी मोहन यादव की हत्या कर दी थी. जानकारी के मुताबिक, मोहन यादव फिर से इलाके में माओवादी संगठन को खड़ा करने में लगा था. इलाके में माओवादियों को नए सिरे से मजबूत करने की कवायद को लेकर 15 लाख के इनामी मिथिलेश ने बोकारो से आकर यहां मोहन यादव और उसके आपराधिक दस्ते के साथ बैठक भी की थी.



मुठभेड़ के बाद नवादा से सक्रिय है प्रद्युम्न शर्मा
भाकपा माओवादी के सैक कमांडर प्रद्युम्न शर्मा मुठभेड़ के बाद कोडरमा की सीमा पार कर नवादा चला गया है. राज्य पुलिस की विशेष शाखा को जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार कोडरमा में हुए मुठभेड़ में प्रद्युम्न शर्मा को भी हाथ में गोली लगी थी. इसके बाद इलाज कराने के लिए वह नवादा चला गया था. अब नवादा से ही वह गतिविधियों को अंजाम दे रहा. गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान लगभग एक दर्जन दस्ता सदस्यों के साथ वह कोडरमा आया था, लेकिन बाद में उसने यहां नए कैडरों को जोड़ दस्ता में सदस्यों की संख्या बढ़ाई.

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चकरबंधा से पलामू, गढ़वा में माओवादी हो रहे ऑरपेट
वहीं झारखंड में पलामू और गढ़वा खासकर बूढ़ापहाड़ के इलाके में औरंगाबाद के चकरबंधा से माओवादी गतिवधियों को ऑपरेट किया जा रहा है. चकरबंधा से प्रमोद मिश्र, विवेक आर्या और रोहित जी माओवादी संगठन का नेतृत्व कर रहा है.

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