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खेल दिवस पर विशेष: राष्ट्रीय पुरुष हॉकी में कम हुआ झारखंड का रूतबा, तीन साल से टीम से बाहर

खेल दिवस (National Sports Day sports) पर झारखंड के खेल प्रेमी पूर्व हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद (#majordhyanchand) को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस बीच खेल के पन्ने पलटने पर पुरुष हॉकी में झारखंड का रूतबा छीजता नजर आ रहा है. इस पर खेल प्रेमियों ने चिंता जाहिर की है.

National Sports Day sports lovers of Ranchi paid tribute on birth anniversary Major Dhyan Chand
राष्ट्रीय पुरुष हॉकी में कम हुआ झारखंड का रूतबा

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Published : Aug 29, 2021, 1:50 PM IST

रांचीःराजधानी समेत पूरे देश में रविवार 29 अगस्त को पूर्व हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद (#majordhyanchand) की जयंती राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाई जा रही है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देने के लिए झारखंड की राजधानी रांची में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. लेकिन हॉकी की ओर ध्यान न दिए जाने से हालत बिगड़ते गए. 2017-18 में अंतिम बार हजारीबाग के पंकज रजक ने पुरुष हॉकी टीम में अपनी जगह बनाई थी. इसके बाद से झारखंड से कोई खिलाड़ी पुरुष हॉकी टीम में जगह नहीं बना पाया है. झारखंड में पुरुष हॉकी के इस गिरते स्तर की टीस युवाओं और पूर्व खिलाड़ियों में है.

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पुरुष हॉकी में झारखंड का खिलाड़ी नहीं


झारखंड की इस धरती ने भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी के लिए कई धुरंधर खिलाड़ियों को जन्म दिया है. राष्ट्रीय हॉकी टीम में कभी झारखंड के खिलाड़ियों का खास रूतबा हुआ करता था. लेकिन राष्ट्रीय खेल दिवस पर जब हम अतीत के पन्ने पलटते हैं तो हमें आज पुरुष हॉकी में झारखंड का रूतबा कम हुआ नजर आता है. हाल ही में टोक्यो ओलंपिक 2020 में झारखंड की दो महिला खिलाड़ी निक्की प्रधान और सलीमा टेटे खेलीं और अपने शानदार खेल का प्रदर्शन किया. लेकिन पुरुष हॉकी में झारखंड के किसी खिलाड़ी के जगह न बना पाने का खेल प्रेमियों को मलाल है.

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ये कर चुके हैं झारखंड का प्रतिनिधित्व

एक समय था जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम में भी झारखंड के खिलाड़ियों का दबदबा था. सबसे पहले झारखंड की इस धरती से 1928 में जयपाल सिंह मुंडा ने भारतीय हॉकी टीम में अपनी जगह बनाई. इसके बाद तो सिलसिला ही शुरू हो गया और एक के बाद एक सिलबानुस डुंगडुंग, मनोहर टोपनो, विमल लकड़ा, वीरेंद्र लकड़ा, अजीत लकड़ा, जस्टिन केरकेट्टा, सुशील टोपनो समेत दर्जनों खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया. हालांकि बाद में झारखंड का रूतबा छीजता गया और अंतिम बार भारतीय हॉकी टीम में वर्ष 2017-18 के बीच हजारीबाग के रहने वाले पंकज रजक ही टीम का प्रतिनिधित्व कर सके. उसके बाद अब तक एक भी पुरुष खिलाड़ी भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने में सफल नहीं हो पाया.

मेजर ध्यानचंद की जयंती पर विशेष



खेल प्रशिक्षण केंद्रों में नहीं हैं खेल प्रशिक्षक

इसके उलट महिला टीम में अब भी झारखंड के खिलाड़ियों का दबदबा है. भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी टीम की कप्तानी भी कर चुकी हैं. जिसमें असुंता लकड़ा, समुराय टेटे का नाम शामिल है. बताते चलें कि पुरुष खिलाड़ियों के लिए झारखंड के सिमडेगा और खूंटी जिले में आवासीय सेंटर संचालित हो रहे हैं. यहां पुरुष खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की बात कही जा रही है .लेकिन ग्राउंड स्तर पर पड़ताल करने पर पता चला है कि इन दोनों आवासीय सेंटर में झारखंड सरकार की ओर से प्रशिक्षकों की नियुक्ति की ही नहीं गई है .ऐसे में भारतीय हॉकी टीम में किस आधार पर यहां के खिलाड़ी जगह बना पाएंगे.

झारखंड के खिलाड़ी
ये भी पढ़ें-राष्ट्रीय खेल दिवस : युवा कलाकार ने शुभकामनाएं देने के लिए बनाई बेमिसाल 'हॉकी'झारखंड जूनियर बालक हॉकी टीम का अच्छा प्रदर्शनइधर पिछले दिनों आयोजित हुई सब जूनियर नेशनल हॉकी चैंपियनशिप में झारखंड के खिलाड़ियों का दबदबा दिखा था. जूनियर टीम ही सही झारखंड के पुरुष हॉकी खिलाड़ी अब बेहतर कर रहे हैं. आशा की जा रही है कि आने वाले दो-तीन वर्षों में यहां के खिलाड़ी सीनियर हॉकी टीम में भी शामिल होंगे. मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस के अवसर पर हॉकी खिलाड़ियों में एक अलग उत्साह रहता है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को खेल दिवस के दिन हॉकी जगत के सभी लोग याद करते हैं और उनका अनुसरण कर हॉकी भी खेलते हैं.
राष्ट्रीय पुरुष हॉकी में कम हुआ झारखंड का रूतबा

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