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National Deworming Day Program: 20 अप्रैल से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का द्वितीय चरण, 16 जिलों के 118 प्रखंडों में होगी शुरुआत

झारखंड में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का द्वितीय चरण 20 अप्रैल से शुरू होगा. राज्य के 16 जिलों के 118 प्रखंडों में इस अभियान की शुरुआत की जाएगी. इसको लेकर प्रदेश का स्वास्थ्य पूरी तरह से तैयारी में है.

National Deworming Day second phase in Jharkhand will start from April 20
झारखंड में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का दूसरा चरण 20 अप्रैल से शुरू होगा

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Published : Mar 30, 2023, 10:24 AM IST

रांचीः झारखंड के 16 जिलों के 118 प्रखंडो में 20 अप्रैल से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के द्वितीय चरण की शुरुआत होगी. वहीं वर्ष 2025 तक झारखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक-एक पंचायत को टीबी मुक्त किया जाएगा. जैसे जैसे पंचायत टीबी मुक्त होते जायेंगे वैसे वैसे उन पंचायतों को टीबी मुक्त होने के लिए सम्मान और प्रमाण पत्र दिए जायेंगे.

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कृमि से मुक्ति के लिए इस उम्र समूह के बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्यः राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत 01-19 वर्ष के बच्चों को कृमि नाशक दवा 'अल्बेंडाजोल' की गोली खिलाई जाती है. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के द्वितीय चरण में झारखंड के 16 जिलों के 118 प्रखंडों में अभियान के रूप में चलाया जाएगा. इससे पहले अभियान के पहले चरण में राज्य के 76 प्रखंडों में कृमि मुक्ति का कार्यक्रम चलाया गया. इसका दूसरा चरण 20 अप्रैल 2023 से शुरू होगा और 25 अप्रैल को 'मॉप-अप डे' के रूप में मनाया जायेगा. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 22 मार्च 2023 को एक प्रशिक्षण भी आईपीएच सभागार नामकुम में दिया जा चुका है. इसमें प्रतिभागी के रूप में 16 जिल से डीआरसीएचओ, डीपीएम, डीपीसी मुख्य रूप से शामिल हुए.

क्यों जरूरी है अल्बेंडाजॉल की दवाः 01-19 वर्ष के सभी बच्चों को अल्बेंडाजॉल की दवा खिलाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि बच्चों के पेट में होने वाली कृमि की वजह से कई तरह की बीमारियों के साथ साथ बच्चे कुपोषित भी हो जाते हैं. पेट में कृमि होने से बच्चों में तरह-तरह की समस्या होने लगती है जैसे भूख न लगना, मल त्याग में परेशानी समेत कई समस्याएं उत्पन्न होती है. इसलिए इस कार्यक्रम को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए घरेलू और स्कूली बच्चों को सामान रूप से दवा खिलाई जाएगी.

टीबी मुक्त झारखंड के लिए भी रूपरेखा तयः झारखंड को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए टीबी के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ. रंजीत प्रसाद ने एक पूरी रणनीति तैयार कर ली है. इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी पंचायत को यक्ष्मा रोगी मुक्त करने का फैसला लिया गया है. सभी जिला टीबी पदाधिकारी को पंचायती राज्य पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पंचायत को टीवी फ्री करने का निर्देश दिया गया, जो भी पंचायत टीबी मुक्त होगा उसे सम्मानित किया जाएगा.

सदर अस्पताल में आदर्श दंपती सम्मेलन संपन्नः रांची सदर अस्पताल में आदर्श दंपती सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें जिला के 14 प्रखंड से एक-एक योग्य दंपती को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य परिवार नियोजन व इससे होने वाले लाभ के बारे में लोगों को जागरूक करना था, इससे मां एवं बच्चा दोनों दोनों स्वस्थ रहेंगे. पुरुष नसबंदी अभियान के दौरान दो बच्चों पर महिला या पुरुष नसबंदी अपनाने वाले एवं दो बच्चों के बीच 03 साल के अंतर रखने वाले सभी योग्य दंपती को सम्मानित किया गया.

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