रांची: चाईबासा का ठकुरानी माइंस एक बार फिर सुर्खियों में है. 84.6 एकड़ में फैले लौह अयस्क खदान के लीजधारक पद्म कुमार जैन पर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पैनेल्टी लगाया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने ठकुरानी माइंस का लीज 2019 में रद्द कर दिया था. ठकुरानी लौह अयस्क खदान को एक बार फिर लीज पर दिए जाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया में बीजेपी ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है. बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर झारखंड की खनिज संपदा को बचाने के लिए त्राहिमाम पत्र सौंपा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यपाल से खनिज संपदा को बचाने का आग्रह करते हुए यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है.
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क्या है मामला
चाईबासा के ठकुरानी लौह अयस्क माइंस के नीलामी की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को दिया है. खदान के स्टॉक की नीलामी के पहले जेएसएमडीसी के ओर से 13 प्रकार के लौह अयस्क के नमूने की जांच होती है, लौह अयस्क के नमूने की जांच के लिए हजारीबाग स्थित प्रयोगशाला में 30 मई को भेजा गया था. नमूने की जांच रिपोर्ट 31 मई यानी 12 घंटे के भीतर जेएसएमडीसी कार्यालय को उपलब्ध कराया जाना, इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है.
रिपोर्ट में अंतर