रांचीः सोमवार से 10वीं और 12वीं के स्कूल भले ही खोल दिया गए हैं, लेकिन निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक अभी भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. अभी भी ऐसे 70 फीसदी अभिभावक हैं जो वैक्सीन आने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं. इसी कारण सोमवार को जिले के अधिकतर निजी स्कूल बंद ही दिखे.
अभिभावकों की जानी गई राय
अभिभावकों को अभी भी यह चिंता सता रही है कि आखिर वैक्सीन नहीं आने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर आदेश कैसे निकाला गया, जबकि बुजुर्ग और बच्चों के लिए कोरोना वायरस सबसे ज्यादा घातक है.
हमारी टीम ने ऐसे कई अभिभावकों से बातचीत की और उनका राय भी जानने की कोशिश की गई.कई निजी स्कूल प्रबंधकों से भी बातचीत की गई है. मामले को लेकर निजी स्कूलों ने सीधे तौर पर कहा है कि अभिभावकों के सहमति मिलने के बाद ही वह अपने स्कूल बच्चों के लिए खोलेंगे, तब तक ऑनलाइन पठन-पाठन ही संचालित होगी.
45 फीसदी से कम बच्चों की उपस्थिति
राज्य सरकार की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को देखते हुए राज्य के तमाम निजी और सरकारी स्कूल खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किया गया है और इस निर्देश के तहत सोमवार को सरकारी स्कूलों में भी 45 फीसदी से कम बच्चों की उपस्थिति रही.