झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रांचीः बदहाली पर आंसू बहा रहा मोरहाबादी हॉकी स्टेडियम, फटे टर्फ पर खेलने को मजबूर खिलाड़ी - रांची न्यूज

रांची में अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का टर्फ पूरी तरह खराब होने के कारण बदहाली पर आंसू बहा रहा है. बावजूद इसके विभाग के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, जिसके कारण खिलाड़ियों को परेशानी हो रही है.

International hockey stadium
अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम

By

Published : Dec 29, 2020, 2:29 PM IST

रांची: झारखंड को वर्ष 2021 के शुरुआती दौर में दो राष्ट्रीय स्तर के हॉकी टूर्नामेंट की मेजबानी मिली है, लेकिन अब तक राज्य के मुख्य एस्ट्रोटर्फ की स्थिति दयनीय ही है और इस ओर ना तो विभाग का ध्यान है और न ही किसी संबंधित पदाधिकारी का. मामले को लेकर हॉकी झारखंड की ओर से बार-बार सरकार को अवगत कराया गया. इसके बावजूद एक वर्ष बीत जाने के बाद भी एस्ट्रोटर्फ को बदला नहीं जा सका.

अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम
झारखंड सरकार खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की बात करती है. खेल और खिलाड़ियों के विकास को लेकर योजनाएं तैयार की गई है, लेकिन वास्तव में करोड़ों की लागत से बना स्टेडियम बदहाली पर आंसू बहा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई स्टेडियम दयनीय हालत में है, लेकिन इस ओर ना तो विभाग का ध्यान है और ना ही संबंधित अधिकारियों का. झारखंड को वर्ष 2021 के शुरुआती दौर में ही 2 राष्ट्रीय स्तर के हॉकी टूर्नामेंट की मेजबानी मिली है. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि राज्य के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का टर्फ पूरी तरह खराब हो चुका है.प्रैक्टिस करने के लायक नहीं है यह स्टेडियमखेल आयोजन तो छोड़िए खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में भी परेशानियां आ रही है. राजधानी के मोरहाबादी स्थित जयपाल सिंह मुंडा हॉकी एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम इतना बदहाल है कि यहां हॉकी खिलाड़ी रन भी नहीं कर सकते हैं, जबकि बार-बार इसे लेकर हॉकी झारखंड की ओर से सरकार को अवगत कराया जा रहा है. इसके बावजूद किसी की भी कान में जूं नहीं रेंग रही है. एक वर्ष से मामले को उठाया जा रहा है हर बार हॉकी झारखंड को आश्वासन दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- पुलिस की बड़ी लापरवाही: पुजारी का हत्यारा जेल गेट से फरार, पुलिस कर्मियों में हड़कंप

नहीं है किसी का ध्यान
हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह से जब मामले को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार के संज्ञान में यह मामला है. जल्द से जल्द अगर इसे बदला नहीं जाता तो आने वाले समय में खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसी मामले को लेकर खेल निदेशक ने इस मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही .साथ ही उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.


जल्द ध्यान देने की जरूरत
एक तरफ जहां हेमंत सरकार 1 वर्ष पूरा होने पर अपनी उपलब्धियां गिना रही है, तो वहीं जिस स्थान पर समारोह का आयोजन किया गया है ,उसके कुछ ही दूरी पर यह स्टेडियम बदहाली का रोना रो रहा है. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि खेल और खिलाड़ियों का इस राज्य में कितना विकास हो रहा है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details