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त्रिपक्षीय समझौते से सरकार का अलग होना सही फैसला, मंत्री आलमगीर आलम का बयान

झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने आरबीआई और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते से झारखंड सरकार का अलग होने को सही करार दिया है.

आलमगीर आलम
आलमगीर आलम

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Published : Jan 7, 2021, 2:08 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 3:24 PM IST

रांची: बिजली बकाए की वसूली को लेकर आरबीआई और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते से झारखंड सरकार का अलग होना बिल्कुल सही फैसला है. झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आरबीआई ने झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी की बकाया राशि की जिस पहली किस्त को काटा गया था.

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यह राशि 15 वें वित्त आयोग से मिली थी. इस राशि का इस्तेमाल वृद्धावस्था पेंशन, आदिवासी छात्रवृत्ति, महिलाओं के उत्थान समेत पंचायतों में विकास के लिए होता है.

इसके बावजूद राशि काटी जा रही थी. इसलिए हेमंत सरकार ने जो फैसला लिया है वह सराहनीय है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र सरकार पर राज्य सरकार का बकाया लंबे समय से लंबित है. केंद्र सरकार को पहले उस राशि को एडजस्ट करना चाहिए.

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आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव को देखते हुए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. उन्होंने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र पाकुड़ है, जो पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है. कई सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेवारी मिली है.

कांग्रेस ने इलेक्शन कैंपेन मैनेजमेंट के लिए 3 सदस्य कमेटी बनाई है. कमेटी में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद और विजय इंद्र सांगला भी शामिल हैं.

Last Updated : Jan 7, 2021, 3:24 PM IST

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