रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए रांची नगर निगम को 10 करोड़ की जरूरत है. जिसकी मांग निगम ने सरकार से की थी, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिसे लेकर आशा लकड़ा ने नाराजगी जाहिर की है.
जानकारी देती मेयर आशा लकड़ा मेयर आशा लकड़ा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि राज्य सरकार कोरोना के रोकथाम करने में नगर निगम की मदद करेगी, लेकिन अब तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में नगर निकायों को इस महामारी से निपटने को लेकर निर्णय लिए जाने की काफी उम्मीद थी, लेकिन कैबिनेट में कोई निर्णय नहीं लिया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
आशा लकड़ा ने सवाल उठाया है कि अगर शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ता है तो उसकी रोकथाम के लिए उपकरणों के अभाव में सेनेटाइजेशन का कार्य बाधित होगा, जिसका जिम्मेदार कौन होगा इस बात का सरकार को जवाब देना चाहिए.
इसे भी पढ़ें:- झारखंडः लॉक डाउन 2 में रियायत देने से किसानों के चेहरे खिले, नुकसान से अब तक उबर नही पाए हैं अन्नदाता
मेयर ने कहा कि सीमित संसाधनों में निगम कार्य करने को मजबूर है, जबकि निगम की भूमिका इस वक्त सबसे अहम है, निगम करोड़ों की राशि खर्च कर चुकी है. उन्होंने बताया कि निगम के जरूरतों को लेकर मुख्यमंत्री को 8 अप्रैल को पत्र भी लिखा गया था, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिंदपीढ़ी के वार्ड नंबर 21, 22 और 23 में सेनेटाइजेशन और सफाई कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, आने वाले समय में अन्य वार्डों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा तो स्थिति भयावह हो जाएगी, इसलिए भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसके रोकथाम के लिए संसाधनों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि समय रहते इन संसाधनों की आपूर्ति नहीं हुई तो निगम के अन्य भागों में सेनेटाइजेशन और सफाई कार्य में परेशानी होगी.
बिना सुरक्षा किट के सफाईकर्मी कर रहे कार्य
वहीं मेयर आशा लकड़ा ने बताया कि रांची नगर निगम क्षेत्र में 2400 सफाईकर्मी सफाई कार्यों के दौरान बिना सुरक्षा किट के ही काम कर रहे हैं, क्योंकि सुरक्षा के लिए पीपीई समेत अन्य उपकरण का अभाव है, पूरे शहर के घरों और अपार्टमेंट समेत स्लम इलाकों का सेनेटाइजेशन करने के लिए संसाधनों की कमी है, निगम ने 20 दिनों की न्यूनतम मासिक उपस्थिति के आधार पर मार्च, अप्रैल और मई के लिए सफाईकर्मियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है. उन्होंने बताया कि सफाईकर्मियों के संक्रमित होने पर चिकित्सकीय खर्च, मृत्यु होने पर आश्रितों को 10 लाख रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान किया है, ऐसे में निगम की प्रतिमाह खर्च राशि 5 करोड़ से बढ़कर 7 करोड़ हो गई है, लेकिन राज्य सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रहा है.
केंद्र सरकार ने झारखंड को दिए 284 करोड़
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 284 करोड़ रु दिए हैं, लेकिन रांची नगर निगम को एक रुपये का भी फंड नहीं दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार के नगर विकास मंत्री राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर निकायों को सहयोग नहीं करना चाहते हैं.
मेयर ने झारखंड सरकार पर उठाए सवाल
वहीं मेयर ने कहा कि गर्मी को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं दिख रही है, वित्तीय वर्ष 2019- 20 और 2020-2021 के लिए कुल राशि 19,77,81,321 की आवश्यकता है, जिससे सरकार और पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसके लिए मुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री और नगर विकास विभाग के सचिव को 15 अप्रैल को दोबारा पत्र लिखा है, ताकि लोगों को गर्मी के दिनों में पानी की समस्या ना हो और इसके लिए निगम कार्य कर सके.
गुरुवार को निगम में वार्ड 21 के पार्षद समेत हिंदपीढ़ी के दो ठेकेदारों के जाने के सवाल पर मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि अगर इस तरह की बात सामने आई है, तो इसकी जांच होगी. उन्होंने हिंदपीढ़ी के लोगों से अपील कि है की लोग अपने घरों में रहे और लॉकडाउन का पालन करें, ताकि कोरोना के संक्रमण के रोकथाम में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके.