रांची:कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लगातार कोशिशें हो रही है. लेकिन कुछ नासमझी के कारण परेशानी बढ़ रही है. इन दिनों कालाबाजारी के कारण रांची में मास्क का बाजार गर्म हो गया है. सड़कों पर जैसे-तैसे धूल धक्कड़ के साथ मास्क बेची जा रही है. जो सेहत के लिए सही नहीं है, जागरूकता की कमी और मजबूरी में लोग इन जगहों पर मास्क खरीदने को मजबूर हैं. वहीं विश्वसनीय स्थानों पर मास्क ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं.
सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं
बता दें कि विश्व भर में कोरोना के दस्तक के बाद इससे बचाव के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, सलाह पर लोग मास्क का भी सहारा ले रहे हैं. लेकिन लोगों को यह पता नहीं है कि जिस मास्क का वेउपयोग कर रहे हैं, वह उनके लिए कितना सुरक्षित है. सड़कों पर जैसे -तैसे धूल धक्कड़ में मास्क रखकर बेची जा रही है और लोग इसे खरीदने को लेकर मजबूर हैं. सड़क से लेकर ऑनलाइन मास्क का बाजार गर्म हो चुका है. बढ़ती कालाबाजारी ने भी बाजार को फलने- फूलने में लगातार मदद भी कर रही है. लोगों को विश्वसनीय जगह पर उचित मूल्य पर मास्क नहीं मिल रहा है. इस वजह से लोग मजबूरन सड़कों पर जैसे-तैसे बिक रहे मास्क खरीदने के लिए विवश भी दिख रहे हैं. जबकि जिस मास्क का हम उपयोग करते हैं. वह मास्क कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर के सबसे जरूरी अंग, नाक और मुंह को भी बचाता है. जागरूकता की कमी और जिला प्रशासन का इस ओर उदासीन रवैया एक अन्य परेशानी को आमंत्रित कर रहा है.