रांचीः भाकपा माओवादियों की केंद्रीय कमेटी 28 जुलाई से शहीद स्मृति सप्ताह मनाएगी. माओवादी नेता की याद में 3 अगस्त तक मनाए जाने वाले कार्यक्रम को लेकर उग्रवादियों ने तैयारी शुरू कर दी है. झारखंड के कई इलाकों में गुरुवार को माओवादियों ने शहीद सप्ताह को लेकर पोस्टर लगाया. शहीद सप्ताह के दौरान नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम न दे सकें, इसके लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है.
झारखंड में माओवादी 28 जुलाई से मनाएंगे शहीद सप्ताह, पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ाई चौकसी ये भी पढ़ें-सावधान! यहां हर कदम पर है बमों का जाल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ के बाद अब झारखंड की बारी
राज्य में विशेष सतर्कता बरती जाएगी
28 जुलाई से शुरू होने वाले शहीद सप्ताह को लेकर झारखंड पुलिस ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले से चल रहे अभियान को और तेज कर दिया है. वहीं शहीद सप्ताह को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से पूरे झारखंड में अलर्ट जारी कर दिया गया है. खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष चौकसी बरतने के आदेश दिए गए हैं. पुलिस मुख्यालय की तरफ से पत्र जारी होने पर पुलिस अधीक्षकों ने मातहतों को नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने की हिदायत दी है. पुलिस रेलवे स्टेशनों पर भी पैनी निगाह रखे हुए है. नक्सल प्रभावित रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.
कोविड संक्रमण, एनकाउंटर से मारे गए कई नक्सली
जानकारी के मुताबिक, बीते एक साल में देशभर में 160 माओवादियों की मौत पुलिस मुठभेड़ या अन्य वजहों से हुई है. माओवादियों की ओर से ही जारी आंकड़ों की मानें तो झारखंड- बिहार में 11 नक्सली मारे गए हैं. वहां दंडकारण्य में सबसे अधिक 101 नक्सली मारे गए हैं. इसके अलावा ओडिशा में 14, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में आठ, आंध्र और ओडिशा सीमा क्षेत्र में 11, पश्चिमी घाटी में एक और तेलंगाना में 14 कामरेड शहीद हुए हैं. इन 160 नक्सलियों में से 30 महिला हैं, जिनकी मौत हुई है. सेंट्रल कमेटी की ओर से जारी किए गए पत्र में यह भी जिक्र है कि माओवादियों को बीमारी की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा है. माना जा रहा है कि कोविड-19 की वजह से अबतक पूरे देश मे 13 नक्सलियों की मौत हुई है. माओवादियों की केंद्रीय कमेटी ने फैसला लिया है कि मारे गए नक्सलियों की स्मृति में वे गांवों और शहरों में कार्यक्रम करेंगे. इनकी याद में स्मारकों का भी निर्माण कराया जाएगा. साथ ही नाटक-गीतों के जरिए उनके बारे में जानकारी दी जाएगी. उनके परिवारों को भी कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
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शहीद सप्ताह के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं माओवादी
बता दें कि अपने मारे गए साथियों को शहीद का दर्जा देकर माओवादी हर वर्ष शहीद सप्ताह मनाते हैं, इस दौरान संगठन की कोशिश रहती है कि किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर अपनी धमक को को दिखाएं. अब गुरुवार को नक्सलियों ने अपने प्रभाव वाले इलाकों में पोस्टर लगाकर शहीद सप्ताह मनाने का संदेश दिया है.