रांची: कहते हैं क्रिसमस की खुशी केक के बगैर अधूरी है. क्योंकि ईसाई समुदाय के लोग केक काटकर ही बड़ा दिन के पर्व को मानते हैं. इसीलिए क्रिसमस के समय विभिन्न तरह के केको की डिमांड बढ़ जाती है.
25 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक केक का सबसे ज्यादा डिमांड रहती है. इसीलिए बेकरी दुकान के संचालक अभी से ही ग्राहकों के ऑर्डर बुक कर रहे हैं और उसकी पूर्ति करने में जुट गए हैं. रातू रोड के पास बेकरी दुकान के संचालक विक्रम कुमार बताते हैं कि क्रिसमस के समय केक के दाम और डिमांड दोनों बढ़ जाते हैं. क्योंकि केक बनाने वाले प्रीमिक्स पाउडर की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी हो जाती है.
केक दुकान के संचालक अंकित कुमार बताते हैं कि क्रिसमस के समय में सबसे ज्यादा पाम केक की डिमांड काफी होता है. क्योंकि पाम केक खाने का रिवाज वर्षों से क्रिसमस के मौके पर चल रहा है. केक दुकान के संचालकों ने बताया कि क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के लोग पाम केक तो लेते ही हैं साथ ही अन्य फ्लेवर के केक का भी आर्डर देते हैं. वहीं नवंबर दिसंबर का महीना शादी का मौसम होता है. इसीलिए क्रिसमस के अलावा मैरिज एनिवर्सरी और जन्मदिन के केक की भी डिमांड बढ़ जाती है.
केक व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष अब तक सबसे बड़ा नौ पाउंड (साढ़े चार किलो) का केक ऑर्डर हुआ है जबकि पिछले वर्ष पंद्रह पाउंड (6.7केजी) का केक सबसे बड़े केक के रूप में आर्डर किया गया था. व्यापारियों ने बताया कि जिस तरह से इस वर्ष केक की डिमांड बढ़ती जा रही. इससे यही उम्मीद है कि यह वर्ष पिछले वर्ष का भी रिकॉर्ड तोड़ेगा. केक व्यापारियों के अनुसार इस वर्ष सबसे ज्यादा पाम केक के बाद ड्राई फ्रूट और रम केक की डिमांड देखने को मिल रही है. वहीं रिच फ्रूट केक को भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं. केक के व्यापारियों ने बताया कि आम दिनों में अगर प्रतिदिन 50 पाउंड केक बिकते हैं तो क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर प्रतिदिन दो सौ से तीन सौ पाउंड केक की बिक्री होती है.