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रांची में दिवाली की रात कई लोग झुलसे, रिम्स और सदर अस्पताल में झुलसे मरीजों का हुआ इलाज, आतिशबाजी में झुलस गए थे लोग

रांची में दिवाली की रात रिम्स और रांची सदर अस्पताल में बर्न के छिटपुट केस सामने आए हैं. लगभग बर्न के दो दर्जन केस सामने आए हैं. आतिशबाजी के दौरान कई लोग झुलस गए थे. जहां अस्पतालों में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज किया. Many burn patients reached RIMS and Sadar Hospital.

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Many Burn Patients Reached RIMS And Sadar Hospita

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 13, 2023, 12:54 PM IST

रांची: दीपावली में आतिशबाजी में कई लोग झुलस गए. जिसके बाद कई झुलसे मरीज इलाज के लिए रिम्स और रांची सदर अस्पताल पहुंचे. रिम्स के इमरजेंसी में रविवार देर रात तक करीब 10 से 15 ऐसे मरीज पहुंचे जो आतिशबाजी के दौरान झुलस गए थे. रिम्स इमरजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार रात्रि 12:00 बजे तक 10 से 12 ऐसे मरीज पहुंचे जो आतिशबाजी की वजह से छिटपुट जल गए थे.

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सदर अस्पताल में बर्न के 10 केस आएः वहीं सदर अस्पताल में करीब 10 मरीज जलने की शिकायत लेकर इमरजेंसी पहुंचे थे. राहत की बात यह रही कि सभी मरीज जलने की साधारण शिकायत के साथ पहुंचे थे. कोई भी मरीज अत्यधिक गंभीर नहीं था. इस कारण चिकित्सकों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई. चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज कर घर भेज दिया.

रिम्स और सदर अस्पताल के बर्न वार्ड में अतिरिक्त बेड लगाए गए थेः हालांकि रिम्स और सदर अस्पताल में दीपावली को देखते हुए बर्न वार्ड में अतिरिक्त बेड के इंतजाम किए गए थे, ताकि यदि कोई भी गंभीर मरीज पहुंचे तो उसे तुरंत सुविधा मुहैया हो सके. दिवाली की रात इमरजेंसी में अतिरिक्त चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई थी. जिसमें कई सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट के साथ-साथ जूनियर डॉक्टर भी तैनात थे.

स्पेशलिस्ट चिकित्सक और प्लास्टिक सर्जन की थी तैनातीः स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बर्न केस के स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के साथ-साथ प्लास्टिक सर्जन की भी तैनाती की गई थी. वहीं रांची के सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार के निर्देश पर दीपावली के दिन बर्न वार्ड में चिकित्सकों के साथ-साथ कार्डियोलोजी के चिकित्सकों की भी तैनाती सभी अस्पतालों में की गई थी. अक्सर दिवाली में आतिशबाजी की वजह से वातावरण में धुआं फैलने से हार्ट से जुड़े मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ जाती है. गौरतलब है कि दिवाली में आतिशबाजी में जलने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तैयारी से कहीं ना कहीं लोगों को राहत महसूस हुई.

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