रांची: झारखंड की राजधानी सहित कई शहरों में अब शराब तस्करी का ट्रेंड भी बदल गया है. शराब तस्कर अब तस्करी के लिए भारी-भरकम वाहनों की जगह लग्जरी कारों का इस्तेमाल करने लगे हैं. तस्करी के दौरान पकड़ा न जाय इसलिए शराब माफिया लग्जरी वाहनों में पॉलिटिकल पार्टी के झंडे का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. नकली शराब को खपाने के लिए तस्कर हर दिन नई जुगत में लगे हुए हैं, ताकि वे उत्पाद और पुलिस विभाग की नजरों में न आ सकें.
शराब तस्कर हर दिन अपना रहे नए दांव पेंच, लग्जरी वाहनों में नकली पुलिस बनकर कर रहे तस्करी
झारखंड में कई जगहों पर शराब की तस्करी होती रही है. पुलिस भी लगातार शराब तस्करों के खिलाफ अभियान चला रही है. शराब तस्करों ने अब लग्जरी कारों से शराब की तस्करी शुरू कर दी है, लेकिन पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए रांची में दो महीने में 10 से अधिक तस्करों को गिरफ्तार किया है, साथ ही करोंड़ों के अवैध शराब भी जब्त किया है.
लग्जरी वाहनों से पकड़े जाने की संभावना कम
लग्जरी वाहनों से शराब तस्करी के दौरान शक और पकड़े जाने की आशंका कम रहती है. ऐसे वाहनों पर पुलिस और आबकारी विभाग भी जल्द हाथ नहीं डालता. बाजार में भी अब ऐसे लग्जरी वाहन आ गए हैं, जिनमें स्पेस भी पर्याप्त रहता है. ऐसे में शराब तस्करों के लिए ये वाहन तस्करी के अनुकूल साबित हो रहे हैं. पिछले दो महीने के दौरान कई शराब तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम के अनुसार अब शराब तस्करी का ट्रेंड बिल्कुल बदल गया है, लग्जरी वाहनों में शराब की तस्करी की जा रही है, वहीं चेकनाकों पर भी पहले से ही शराब तस्करों के गुर्गे खड़े रहते हैं, अगर बहुत ज्यादा चेकिंग रहती है तो वह पहले से ही अपने साथियों को अलर्ट कर देते हैं, जिसकी वजह से वह पकड़ में आने से बच जाते हैं, शराब तस्करी के इन वारदातों से यह साबित हो गया कि अब शराब तस्करों ने भी अपनी रणनीति बदल ली है, वे ट्रकों की जगह लग्जरी वाहनों में शराब की तस्करी करने लगे हैं.
पुलिस की वर्दी, लाइसेंसी हथियार और पॉलिटिकल पार्टी का झंडे का इस्तेमाल
शराब तस्कर केवल लग्जरी वाहनों का ही प्रयोग तस्करी के लिए नहीं कर रहे हैं, बल्कि पुलिस की नजरों से बचने के लिए वे कई तरह के तिकड़म आजमा रहे हैं. शराब तस्करी के लिए लग्जरी वाहनों में पॉलिटिकल पार्टी का झंडा भी लगाया जा रहा. वहीं जिस लग्जरी कार में शराब की खेप भरी रहती उसके आगे की सीट पर लाइसेंसी हथियार लिए फर्जी पुलिस वाले को भी बिठाया जाता है, ताकि अगर वह वाहन चेकनाके से गुजरे तो पुलिस उसे भी वीआईपी वाहन समझ चेकिंग ना करें. राजधानी रांची में उत्पाद विभाग और पुलिस के सहयोग से शराब तस्करों के ऐसे कई गिरोह सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं, जो पॉलिटिकल पार्टी का झंडा और नकली पुलिस वाले को अपने वाहन में बिठाकर तस्करी को अंजाम दिया करते थे.
दो महीने में 10 से अधिक गिरफ्तार
झारखंड के डीजीपी एमवी राव के आदेश के बाद पिछले दो महीने में राजधानी रांची की पुलिस ने शराब माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. पुलिस ने उत्पाद विभाग के साथ मिलकर 10 से अधिक शराब तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है. वहीं करोड़ों की नकली शराब अब तक पुलिस ने जब्त कर नष्ट कर दिया है. सहायक उत्पाद आयुक्त आर एन रवानी के अनुसार पुलिस और उत्पाद विभाग की कार्रवाई में कुख्यात शराब तस्करों में शुमार लगभग सभी जेल भी जा चुके हैं. अब इनकी संख्या काफी कम बच गई है और वह भी उत्पाद विभाग के टारगेट में हैं, उनकी भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी.
वीआईपी से लेकर सभी लग्जरी वाहनों की चेकिंग
वहीं शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए रांची पुलिस ने भी अपनी रणनीति में काफी बदलाव किया है. रांची के सीनियर एसपी के आदेश के बाद अब वीआईपी और लग्जरी वाहनों की भी चेकिंग की जा रही है. रांची के सिटी एसपी सौरभ ने आम लोगों से अपील की है कि वे वाहन चेकिंग करते समय पुलिस का सहयोग करें, ताकि तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस को मदद मिले.
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झारखंड से बड़े पैमाने पर नकली शराब की तस्करी की जा रही है. महंगे और ब्रांडेड शराब के बोतलों में सस्ते किस्म के शराब भरकर बिहार जैसे राज्यों में जहां शराब बंदी है, सप्लाई की जाती है. वर्तमान में बिहार में विधानसभा चुनाव चल रहा है. ऐसे में वहां शराब की बेहद मांग है और उसी मांग को पूरा करने के लिए शराब तस्कर कई तरह के दांव पेंच अपनाकर तस्करी को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि पुलिस का दावा है कि तस्करों के सभी दांव पेंच को पुलिस की टीम अब समझ चुकी है और उन पर करवाई भी हो रही है.