झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिली राहत, दी झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह

सुप्रीम कोर्ट से चर्चित कारोबारी अमित अग्रवाल को झटका लगा है. सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह देते हुए राहत देने से इनकार कर दिया है (Amit Agarwal no relief from Supreme Court). मालूम हो, अमित अग्रवाल पर साजिश के तहत अधिवक्ता राजीव कुमार को फंसाने का आरोप लगाते हुए ईडी ने गिरफ्तार किया है. अमित अग्रवाल को ईडी की टीम ने रांची एयरपोर्ट से 7 अक्टूबर की रात गिरफ्तार किया था.

Amit Agarwal no relief from Supreme Court
Amit Agarwal no relief from Supreme Court

By

Published : Oct 17, 2022, 5:56 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 8:49 PM IST

रांची:कोलकाता के कोराबारी अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है (Amit Agarwal no relief from Supreme Court). सर्वोच्च न्यायालय की ओर से उन्हें पहले झारखंड हाई कोर्ट जाने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश जेके माहेश्वरी की खंडपीठ में कोयला कारोबारी अमित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने उन्हें किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया है. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है, जो गलत है इसलिए उन्हें राहत दी जाए. अदालत ने राहत देने से इनकर करते हुए कहा कि उन्हें पहले हाई कोर्ट में याचिका दायर करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें:अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति गर्म, बाबूलाल बोले- मुख्यमंत्री बताएं अमित अग्रवाल से क्या हैं संबंध


बता दें कि जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अमित अग्रवाल ने अपनी याचिका में ईडी के सहायक निदेशक और कोलकाता पुलिस को प्रतिवादी बनाया था. राजीव कुमार कैश कांड में ईडी ने कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद ही उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

याचिका में क्या है:अमित अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता रंजीत रोहतगी ने रिट याचिका दायर किया था. दायर याचिका में कहा गया कि राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी उनके द्वारा कोलकाता पुलिस में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर हुई थी. कोलकाता पुलिस ने उनकी शिकायत पर राजीव को 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. ईडी ने इस मामले में इसीआइआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू की. राजीव को रिमांड में लेने के बाद पूछताछ की गयी. बाद में ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया और इस दौरान सात अक्टूबर की रात उन्हें भी इस मामले में अभियुक्त बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया, जो कि गलत है. क्योंकि हाई कोर्ट में चल रहे पीआइएल को मैनेज करने के नाम पर रिश्वत मांगने के मामले में वह शिकायतकर्ता हैं.

कौन हैं अमित अग्रवाल:अमित अग्रवाल मूल रूप से कोलकाता के व्यवसायी हैं. रियल स्टेट, जामताड़ा में वनस्पति तेल के उद्योग सहित कई कारोबार से जुड़े हैं. झारखंड में सत्ता के गलियारों में काफी सक्रिय रहे हैं. सत्ताधीशों के बीच इनकी अच्छी पकड़ है. वर्ष 2020 में आयकर विभाग ने इनके यहां कई कार्रवाई की थी और गड़बड़ियां पकड़ी थीं. इनका रांची आना-जाना लगा रहता है.

अमित अग्रवाल की शिकायत पर हुई थी अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी:झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को अमित अग्रवाल की शिकायत पर ही बंगाल पुलिस ने 50 लाख रुपये नगदी के साथ गिरफ्तार किया था. अमित अग्रवाल ने शेल कंपनियों से जुड़ी याचिका में पैसे मांगने का आरोप राजीव कुमार पर लगाया था. इस मामले में ईडी ने अलग से मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस किया है. राजीव कुमार से ईडी पूछताछ कर चुकी है.

अवैध खनन के जरिये मोटी कमाई करने का आरोपःअवैध खनन को लेकर हाल में ही ईडी ने सत्ता के करीबी प्रेम प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में अमित अग्रवाल का नाम अवैध खनन में सामने आया था. ईडी की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि प्रेम प्रकाश ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और संजय चौधरी के साथ मिलकर अवैध खनन के जरिये मोटी कमाई की. अमित अग्रवाल पर यह भी आरोप है कि अवैध खनन से होने वाली काली कमाई का उसने कई जगह निवेश किया.

मिले हैं मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य: ईडी की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश ने संजय चौधरी की कंपनी के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की. जांच में यह बात भी आई है कि संजय चौधरी के डायरेक्टरशिप वाली कंपनी सीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जरिये स्टोन चिप्स का रेलवे के जरिये बगैर चालान परिवहन किया गया. बीएससीआई, एसवीवाईई, एडीटीजी समेत कई अन्य कंपनियों का नाम भी अवैध परिवहन में आया है. ईडी ने जांच में पाया है कि साल 2015-22 तक 251 स्टोन चिप्स रैक बिना परिवहन चालान के रेलवे के जरिये भेजे गए.

Last Updated : Oct 17, 2022, 8:49 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details