रांची: प्रकृति प्रेम का पर्व करम राजधानी में पूरे धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर जगह- जगह अखरा सजाया गया, जहां ढोल- नगाड़े की थाप पर आदिवासी युवक- युवतियों ने जमकर नृत्य किया. पूरे रीति-रिवाज के साथ राजधानी के विभिन्न अखरों में लोगों ने यह उत्सव मनाया गया.
रांची में धूमधाम से मनाया गया करम पर्व, बहनों ने भाई की सलामती की मांगी दुआ - Why Karam festival is celebrated
झारखंड में बड़े ही धूमधाम से करम पर्व मनाया जाता है. रांची में बड़े ही धूमधाम से यह मनाया गया. इस दिन बहनें, भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं वहीं उनकी समृद्धि के लिए पूजा करती हैं.
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क्यों मनाया जाता है करम पर्व
करम पर्व झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों का लोकपर्व है. यह प्रकृति की पूजा का पर्व है. इसके साथ ही यह पर्व भाई-बहन के स्नेह का त्योहार है. भाई के लिए बहनें व्रत करती हैं और भाई की सुख-समृद्धि के लिए पूजा करती हैं. इसके साथ ही हर साल बारिश में अच्छी फसल को लेकर भी करम पर्व मनाया जाता है. पूजा के दौरान करमा और धरमा नाम के दो भाइयों की कहानी भी सुनाई जाती है. जिसका सार कर्म के महत्व को समझाता है. इस कहानी को सुने बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. माना जाता है कि इस पर्व को मनाने से गांव में खुशहाली लौटती है. हर साल भादो की एकादशी शुक्ल पक्ष को यह पर्व मनाया जाता है.