रांची:कोरोना की पहली लहर के दौरान इम्यूनो बूस्टर रसगुल्ला बनाकर चर्चा में आने वाले रांची के कमल अग्रवाल इस बार सर्दी खांसी में लाभकारी और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चॉकलेट बना कर सुर्खियों में हैं. रांची के अलावा भी राज्य के कई शहरों में कमल अग्रवाल के बनाए हुए चॉकलेट पहुंच गये हैं, जिसे लोग बेहद पसंद कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें: ऐसा ही जज्बा चाहिए: कोरोना से जंग जीतकर वापस घर लौट रहे लोग, 10 दिनों में 60 हजार मरीज हुए स्वस्थ
कैसे आया इम्यूनो बूस्टर चॉकलेट बनाने का आइडिया
झारखंड कैटरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना की पहली लहर में उन्होंने इम्यूनो बूस्टर रसगुल्ला बनाया था, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया, अब कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, कई लोग गले में खरास से परेशान हैं. वहीं कोविड की तीसरी लहर की भी आने की चेतावनी है और इस लहर में सबसे अधिक बच्चों के प्रभावित होने की संभावना है, ज्यादातर बच्चे काढ़ा नहीं पीते हैं, क्योंकि काढ़ा बहुत कड़वा होता है, वैसे बच्चों को चॉकलेट काफी पसंद है और यह चॉकलेट इम्यूनो बूस्टर के रूप में काफी फायदेमंद है.