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17 बिंदुओं की बजट पूर्व डिमांड दरकिनार, झारखंड की अनदेखी:JPCC - प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने मंगलवार को बताया कि चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखंड को केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी मद में 2850 करोड़ रुपये कम मिलेंगे.

JPCC criticizes budget
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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Published : Feb 2, 2021, 5:34 PM IST

रांचीःझारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने मंगलवार को बताया कि चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखंड को केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी मद में 2850 करोड़ रुपये कम मिलेंगे.

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दूबे ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी के बकाया भुगतान के नाम पर लगातार राशि काट ले रही है. वहीं केंद्रीय करों में झारखंड के हिस्से में भी लगातार कटौती की जा रही है. उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने 16 जनवरी को राज्य के लिए 17 बिंदुओं से संबंधित बजट पूर्व डिमांड, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीमारमण के सामने रखी थी. लेकिन एक मांग भी आम बजट की घोषणा में शामिल नहीं की गई. यह केंद्र की भाजपा सरकार की गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव को दर्शाता है.

मांगों को अनदेखी करने का आरोप
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाली ग्रांट्स में भारी कमी होने वाली है. क्योंकि इसके बंटवारे के लिए जो राशि तय होती है, उसमें इस बार कमी दिख रही है. दूसरी तरफ मनरेगा योजनाओं की राशि में भी कटौती की गई है, जबकि कोरोना संक्रमणकाल में भी इसके माध्यम से राज्य में बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि जिस तरह से रेल परियोजनाओं में झारखंड की अनदेखी गई है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. झारखंड के चार जिले रेल आवागमन से वंचित हैं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने भी इस संबंध में केंद्रीय वित्तमंत्री को पत्र लिखकर कई मांगें रखीं थीं, लेकिन झारखंड की पूरी तरह से अनदेखी की गई है.

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