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Lobin Hembram in Assembly: पेसा नियमावली के लिए अड़े लोबिन, सरकार के जवाब को बताया नाकाफी, स्पीकर पर भी उठाए सवाल - विधानसभा में लोबिन हेंब्रम के सवाल

पेसा नियमावली को लेकर बुधवार को जेएमएम विधायक विधानसभा में अड़ गए. सवाल के जवाब से असंतुष्ट विधायक अपनी सीट पर बैठने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे.

Lobin Hembram in assembly
Lobin Hembram in assembly

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Published : Mar 15, 2023, 1:37 PM IST

रांची: राज्य में पेसा नियमावली के गठन की मांग को लेकर प्रश्नकाल के दौरान झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने अपनी ही सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या यह बात सही है कि सभी विभागों को नियमावली बनाकर संवैधानिक रूप से पंचायतों को सुदृढ़ करना था, जिस पर अभी तक कोई पहल नहीं हुआ है.

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जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इस मसले को लेकर अब तक 12 विभागों का रिपोर्ट आ गया है. शेष तीन विभागों की रिपोर्ट आते ही पेसा नियमावली का गठन कर दिया जाएगा. इस जवाब पर असंतोष जताते हुए लोबिन हेंब्रम ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर इसकी समय सीमा क्या होगी. लोबिन ने कहा कि पूर्व में जब रघुवर दास के नेतृत्व में राज्य में सरकार थी, तब झामुमो का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर पेसा नियमावली बनाकर आदिवासियों का अधिकार सुरक्षित करने की मांग रखी थी. लेकिन अब इस पर चुप्पी साध ली गई है.

लोबिन ने स्पीकर पर उठाए सवाल: पेसा नियमावली पर सरकार के जवाब के दौरान विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण बंद होने से लोबिन हेंब्रम नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि टीवी क्यों बंद कर दिया गया. जब प्रश्नकर्ता पूछता है तो टीवी चालू रहता है . मेरे साथ अन्याय हो रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक लाइव प्रसारण चालू नहीं होगा, तब तक वह अपना सवाल नहीं पूछेंगे. इस पर स्पीकर लाइव प्रसारण बंद करने की वजह बताई. उन्होंने कहा कि वेल में विपक्ष के हंगामे का तौर तरीका बिल्कुल सही नहीं है, इसी वजह से लाइव प्रसारण बंद किया गया. बाद में विधानसभा टीवी का लाइव प्रसारण शुरू हुआ और लोबिन हेंब्रम ने अपने सवाल को फिर दोहराया.

खास बात है कि सरकार की तरफ से नियमावली के गठन को लेकर समय सीमा का आश्वासन नहीं मिलने पर लोबिन हेंब्रम नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जब तक समय सीमा को लेकर जवाब नहीं मिलेगा, वह अपनी सीट पर नहीं बैठेंगे. एक तरह से उन्होंने सदन की अवमानना की. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि लोबिन हेंब्रम खुद मंत्री रह चुके हैं और वह जानते हैं कि ऐसे मसलों पर कोई भी एक तय समय की गारंटी नहीं दे सकता. इसकी प्रक्रिया होती है. हालांकि इसी बीच विपक्ष के हंगामे के कारण सभा की कार्यवाही स्थगित हो गई.

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