रांची: राज्य सरकार की ओर से पास किए गए झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को लेकर विपक्षी दलों की टिप्पणियों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार किया है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव और पार्टी के प्रवक्ता बिनोद पांडे ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी नेताओं को इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से पहले अध्यादेश का पूरा अध्ययन कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि उस अध्यादेश का राजनीतिक विरोध यह साफ दर्शाता है कि उसकी जानकारी विपक्ष को सही ढंग से नहीं मिली है. झामुमो नेता ने कहा कि प्रावधान में स्पष्ट है की आर्थिक दंड और सजा की अधिकतम सीमा की व्याख्या की गई है.
संक्रामक अध्यादेश को लेकर बीजेपी के आरोपों पर जेएमएम का पलटवार, कहा- बयान देने से पहले प्रावधान पढ़ें बीजेपी नेता
झारखंड सरकार ने संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 पारित किया है. इस अध्यादेश को बीजेपी ने तुगलकी फरमान की संज्ञा दी है, जिसके बाद जेएमएम ने भी बीजेपी पर पलटवार किया है. जेएमएम के क्रेंद्रीय महासचिव ने कहा कि बीजेपी नेताओं को अध्यादेश को पूरा अध्ययन कर बयानबाजी करना चाहिए.
बीजेपी ने की थी अध्यादेश पर पुनर्विचार की मांग
दरअसल बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार के कैबिनेट से पास कराए गए इस अध्यादेश को तुगलकी फरमान की संज्ञा दी है. बीजेपी नेताओं ने साफ कहा कि आम लोगों के ऊपर इस अध्यादेश को थोपा नहीं जाना चाहिए, बल्कि विकल्पों पर सरकार को विचार करना चाहिए. बुधवार को हुए स्टेट कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने झारखंड राज्य संक्रामक रोग अधिनियम, 2020 पारित किया. जिसके तहत मास्क नहीं पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग नहीं अनुपालन करने समेत अन्य प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ अधिकतम एक लाख रुपये के अर्थदंड और 1 साल की जेल का प्रावधान किया गया है.