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संक्रामक अध्यादेश को लेकर बीजेपी के आरोपों पर जेएमएम का पलटवार, कहा- बयान देने से पहले प्रावधान पढ़ें बीजेपी नेता

झारखंड सरकार ने संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 पारित किया है. इस अध्यादेश को बीजेपी ने तुगलकी फरमान की संज्ञा दी है, जिसके बाद जेएमएम ने भी बीजेपी पर पलटवार किया है. जेएमएम के क्रेंद्रीय महासचिव ने कहा कि बीजेपी नेताओं को अध्यादेश को पूरा अध्ययन कर बयानबाजी करना चाहिए.

JMM counterattack on BJP allegations on infectious ordinance in ranchi
जेएमएम ने बीजेपी के बयान पर दी प्रतिक्रिया

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Published : Jul 24, 2020, 4:22 PM IST

रांची: राज्य सरकार की ओर से पास किए गए झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को लेकर विपक्षी दलों की टिप्पणियों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार किया है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव और पार्टी के प्रवक्ता बिनोद पांडे ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी नेताओं को इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से पहले अध्यादेश का पूरा अध्ययन कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि उस अध्यादेश का राजनीतिक विरोध यह साफ दर्शाता है कि उसकी जानकारी विपक्ष को सही ढंग से नहीं मिली है. झामुमो नेता ने कहा कि प्रावधान में स्पष्ट है की आर्थिक दंड और सजा की अधिकतम सीमा की व्याख्या की गई है.

जानकारी देते बिनोद पांडेय
बिनोद पांडे ने कहा कि जहां 20 से ज्यादा लोग इकट्ठे हो रहे हैं उनके लिए आर्थिक दंड अलग होगा, जहां छोटे स्तर पर इसका वायलेशन हो रहा है वहां अवलोकन करके आर्थिक दंड वसूला जाएगा, अध्यादेश में इस बात का जिक्र है. उन्होंने कहा कि बिना अवलोकन किए बीजेपी के नेता सार्वजनिक रूप से बयान दे रहे हैं, ऐसे में लोगों के बीच भ्रम पैदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं को अध्यादेश का पहले अध्ययन कर लेना चाहिए उसके बाद उसके बयानबाजी करनी चाहिए.इसे भी पढे़ं:-कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच सरकार पर लॉकडाउन का दबाव, विकल्पों पर हो रहा मंथन


बीजेपी ने की थी अध्यादेश पर पुनर्विचार की मांग
दरअसल बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार के कैबिनेट से पास कराए गए इस अध्यादेश को तुगलकी फरमान की संज्ञा दी है. बीजेपी नेताओं ने साफ कहा कि आम लोगों के ऊपर इस अध्यादेश को थोपा नहीं जाना चाहिए, बल्कि विकल्पों पर सरकार को विचार करना चाहिए. बुधवार को हुए स्टेट कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने झारखंड राज्य संक्रामक रोग अधिनियम, 2020 पारित किया. जिसके तहत मास्क नहीं पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग नहीं अनुपालन करने समेत अन्य प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ अधिकतम एक लाख रुपये के अर्थदंड और 1 साल की जेल का प्रावधान किया गया है.

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