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झारखंड का बदल रहा मौसम, जानें क्या हो रही परेशानी

गर्मी में रांची समेत प्रदेश के कई शहरों का तापमान 48 डिग्री तक पहुंचने लगा है. इसकी प्रमुख वजह पेड़ों की कटौती और प्रदूषण माना जा रहा है. इससे कई और संकट बढ़ रहे हैं.

Jharkhand's weather changed, temperature also increased
झारखंड का बदल रहा मौसम

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Published : Mar 31, 2021, 11:10 AM IST

Updated : Apr 1, 2021, 6:22 AM IST

रांचीः अभी गर्मी ने दस्तक ही दी है कि सूरज की तपिश लोगों के बर्दाश्त के बाहर हो हरी है. अभी अप्रैल भी नहीं आया कि गर्मी लोगों के पसीने छुड़ाने लगी है. लोगों के लिए दिन के समय में बाहर जाना मुश्किल का हो गया है. लोग आमतौर पर बाजार देर शाम या रात को ही जाना पसंद कर रहे हैं. ठंडक प्रदान करने वाले संसाधनों का प्रयोग करना चाह रहे हैं. इधर, पिछले वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन का मौसम पर काफी असर देखने को मिला था. बीच-बीच में बारिश हो रही थी और लोगों को गर्मी से राहत मिली थी.

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रांची मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद की मानें तो इस बार फरवरी-मार्च से लोगों को गर्मी का अहसास होना शुरू हो गया था. पिछले दस वर्षों में अगर बात करें तो मौसम में काफी बदलाव देखने को मिला है. पिछले वर्ष कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से मौसम थोड़ा सुहाना था, गर्मी के साथ-साथ बीच-बीच में बारिश भी हो रही थी. 150 से 160 मिलीमीटर तक बारिश हो जाती थी. यही कारण है कि लोगों को पिछले वर्ष कम गर्मी झेलनी पड़ती थी. लेकिन इस साल शुरुआत में ही यह हाल देखकर लगता है कि आने वाले समय में लोगों की दिक्कत और बढ़ेगी. इस साल पिछले साल के मुकाबले अधिक गर्मी पड़ने और कम बारिश की आशंका है.

झारखंड का बदल रहा मौसम
पिछले पांच साल में मौसम विभाग से मिले आंकड़ों की तुलना करें तो साल दर साल बढ़ रही गर्मी के चिंताजनक नतीजे सामने आएंगे. मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद का कहना है कि पिछला वर्ष अपवाद है क्योंकि बीच-बीच में बारिश हो रही थी. इससे पिछले वर्ष गर्मी के तीनों महीने में अधिक परेशानी नहीं हुई. ऐसे समझें साल दर साल गर्मी के हालात2020 में 31 मार्च को अधिकतम तापमान 34. 2 डिग्री था

17 अप्रैल को अधिकतम तापमान 37. 8 डिग्री था

24 मई को अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस था

2019 में 31 मार्च को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस था

29 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस था

9 मई को अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस था


2018 में 30 मई को अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस था

21 अप्रैल को अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस था

7-8 मई को अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था


वहीं अगर 10 सालों के रिकॉर्ड की बात करें तो 2017 में 31 मार्च को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस था. वहीं 2016 में बात करें तो 27 अप्रैल को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस था. वहीं 2013 में 5 मई को तापमान 43.2 5 डिग्री पहुंचा था.

झारखंड का बदल रहा मौसम

गर्मी के तीन महीनों के अधिकतम तापमान


मार्च महीने में अब तक का सबसे अधिक तापमान 1955 में 39.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था.

अप्रैल महीने में सबसे अधिक तापमान 1999 में 30 अप्रैल को 42.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था.

मई महीने में सबसे अधिक तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस 15 मई 2017 को रिकॉर्ड किया गया था.

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बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक एके वद्दु की मानें तो राजधानी रांची में 5-10 वर्षों से प्रकृति को खतरा पैदा हो गया है. पहले गर्मी के दिनों में दिन भर गर्मी के बाद बारिश भी देखने को मिलती थी, उसका विशेष महत्व होता था. हाल के 10-15 वर्षों में देखा जा रहा है कि गर्मी काफी बढ़ गई है. 48 डिग्री तक तापमान अलग-अलग शहरों में रिकॉर्ड किया गया है और यह तापमान हफ्ता हफ्ता भर रहने लगा है. तापमान की वृद्धि होने के कारण नदी तालाब सूख रहे हैं जिसके कारण खेती किसानी में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. धरातल का का जल नीचे जा रहा है. नदी तालाब कुएं सूख रहे हैं, जिसके कारण पेयजल संकट भी मंडरा रहा है. इसको लेकर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर का कहना है कि पिछले वर्ष किसी भी प्रकार का जल संकट नहीं हुआ था. लेकिन विभाग पूरी तरह से तैयार है, कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.

Last Updated : Apr 1, 2021, 6:22 AM IST

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