रांचीःझारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 (Jharkhand Education Amendment Act) और राज्य सरकार के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारखंड अभिभावक संघ ने फेसबुक लाइव के माध्यम धरना दिया. इस दौरान निजी स्कूल की मनमानी और सरकार की चुप्पी के विरोध में काली पट्टी बांध कर और प्ले कार्ड के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया.
अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय इसे भी पढ़ें-निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ का वर्चुअल धरना, 28 मई को मनाएंगे डिजिटल काला दिवस
राज्य के तमाम जिलों के अभिभावकों ने किया प्रदर्शन
इस दौरान रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर, पलामू, गढ़वा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, गिरिडीह, देवघर, साहिबगंज, दुमका आदि जिलों के अभिभावकों ने फेसबुक और सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव कार्यक्रम आयोजित कर अपना विरोध जताया. इस अवसर पर अभिभावक अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर प्ले कार्ड के माध्यम से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वे अपनी समस्याओं को राज्य सरकार के अधिकारियों को अवगत करा रहे थे.
इन मांगों को लेकर यह चरणबद्ध आंदोलन
- सभी निजी विद्यालय झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 को लागू करें.
- झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (माध्यमिक शिक्षा निदेशालय) की ओर से जारी आदेश को लागू करें.
- सीबीएसई(CBSE), आईसीएसई(ICSE), राज्य बोर्ड की ओर से निर्धारित गाइडलाइंस को विद्यालय अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें.
- कोई भी विद्यालय फीस के चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित न करें.
- अपने ही विद्यालय के छात्रों का क्लास ग्यारहवीं में या किसी कक्षा में री-एडमिशन बंद करें और उनसे वर्तमान सत्र में ली गई राशि वापस की जाए.
विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
इस अवसर पर फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रदेश पदाधिकारी जिला अध्यक्षों ने कहा कि राज सरकार समय रहते संघ की मांगों को गंभीरता पूर्वक से लें और अपने आदेश और कानून का पालन सुनिश्चित करें, वरना लॉकडाउन में भी अभिभावक सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
शुल्क निर्धारण कमेटी नहीं बनी
संघ के अध्यक्ष अजय ने कहा कि राज्य सरकार अपने ही कानून को प्राइवेट स्कूलों में लागू नहीं कर पा रही है, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दो झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 बने आज लगभग 4 साल होने को है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार जिलों के अंदर जो उपायुक्त की अध्यक्षता में शुल्क निर्धारण कमेटी बनाई जानी चाहिए थी. वह नहीं बन पाई तो स्कूलों के अंदर कैसे बनेगी यह सोचनीय प्रश्न है.
प्राइवेट स्कूलों के लेकर आदेश जारी
अजय राय ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण में बेरोजगार हुए अभिभावकों के दर्द को समझे और प्राइवेट स्कूलों के लेकर आदेश जारी करें, ताकि स्कूलों की ओर से लिया जा रहा ट्यूशन फीस के अलावा जो राशि है उसे अभिभावकों को वापस हो सके. अजय राय ने बताया कि चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में 30 मई को ट्विटर अभियान हैस्टैग के माध्यम से चलाया जाएगा. जिसमें राज्य स्तर पर अभिभावक अपनी पीड़ा से और स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा सके.