रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के नौ साल पूरा होने पर भाजपा एक महीने तक कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. इसके तहत सांसद, विधायक, पार्टी पदाधिकारी गांव, पंचायत में जाकर सरकार की उपलब्धियां बतायेंगे. दूसरी ओर कांग्रेस-झामुमो-राजद जैसी पार्टियां कोशिश में लगी है कि भाजपा के नौ साल को परेशानी भरा बताया जाए. इसके लिए कांग्रेस जहां मोदी सरकार से नौ सवाल पूछ रही है और इन सवालों को लेकर घर घर जाएगी तो झामुमो ने भी अब मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.
JMM के 90 सवाल! पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल पर झामुमो का कटाक्ष- वादों का हिसाब लेगी झारखंड की जनता
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार 9 साल पूरा कर चुकी है. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी से 9 सवाल कर रही है. इसी कड़ी में झारखंड मुक्ति मोर्चा पीएम मोदी से 90 सवाल करके उनका जवाब मांग रही है. रांची में जेएमएम की प्रेस वार्ता में पार्टी नेता ने कहा कि झारखंड की ग्रामीण जनता भाजपाइयों का इंतजार कर रही है, क्योंकि नौ साल में किये वादे का हिसाब जनता उनसे लेगी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार से पूछने के लिए नौ नहीं 90 सवाल है. झामुमो नेता ने कहा कि हम जानते हैं कि एक भी सवाल का जवाब भाजपा वालों के पास नहीं है. ऐसे में भाजपा के नेता, सांसद, विधायक जब गांव में जाएंगे तो उनकी खबर लेने के लिए जनता तैयार बैठी है. झामुमो नेता ने कहा कि जनता इन भाजपा वालों से इतनी नाराज है कि कोई प्रतिकूल एक्शन भी हो सकता है. ऐसे में भाजपा के सांसद, विधायक को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
झामुमो केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों में देश ने जो संपत्तियां बनाई गयी थी उसे आज बेचा जा रहा है. नवरत्न कंपनियां दिवालिया हो गयी है. आजादी के अमृत महोत्सव में सरकारी संस्थाओं को बेचने की होड़ लगी है. झामुमो नेता ने कहा कि झामुमो पार्टी ने पहले से ही अपना स्टैंड साफ कर दिया है. नए संसद भवन का उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू से नहीं कराने को पार्टी अनुसूचित जाति (आदिवासी समुदाय) का अपमान बताती है.
ऑस्ट्रेलिया के कुछ विश्वविद्यालयों में भारत के कई राज्यों के बच्चों के नामांकन पर बैन शर्मनाक- झामुमोः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार के विदेश नीति का ही परिणाम है कि जिस ऑस्ट्रेलिया में जाकर प्रधानमंत्री नमस्ते ऑस्ट्रेलिया कह कर आते हैं. वहीं के कई विश्वविद्यालयों में बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू- कश्मीर के छात्रों के नामांकन पर रोक लगा दी जाती है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह कितनी शर्म की बात है कि एक देश (ऑस्ट्रेलिया) भारत के राज्यों के मेधावी छात्र-छात्राओं को अपने यहां पढंने पर बैन लगा रहा है.