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तालाब और डोभा की परिभाषा में फंसा मुआवजा, मुख्यालय से पूछा गया कि सभी जिला बताएं दोनों में क्या है अंतर

तालाब और डोभा की परिभाषा में दर्जनों पीड़ित परिवार का मुआवजा फंसा हुआ है. क्योंकि झारखंड सरकार के 2018 के संकल्प यानी List of Natural Calamities में डोभा का जिक्र है जबकि तालाब में डूबने से मौत का जिक्र नहीं है. इसको लेकर मुख्यालय की ओर से अलग अलग जिलों से यह पूछा गया है कि तालाब और डोभा में क्या अंतर है.

Jharkhand Ministry asked difference between Dobha and Talab
झारखंड मंत्रालय

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Published : Aug 25, 2022, 7:53 AM IST

Updated : Aug 29, 2022, 8:23 AM IST

रांचीः भारत सरकार द्वारा घोषित प्राकृतिक आपदा के अलावा झारखंड में कई दुर्घटनाओं को विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित है. जिसमें अतिवृष्टि, सर्पदंश, खनन जनित आपदा, नाव दुर्घटना, डोभा /जलप्रपात में डूबने से मौत, भगदड़ और गैस रिसाव संबंधी आपदा से होने वाली जानमाल की क्षति पर अनुदान की राशि का प्रावधान है. झारखंड सरकार के 2018 के संकल्प में डोभा का जिक्र है जबकि तालाब में डूबने से मौत का जिक्र नहीं है. नतीजा यह कि राज्य में तालाब में डूबने से मौत होने पर पीड़ित परिवार को आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) से मिलने वाली राहत राशि नहीं मिल पा रही है.

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अलग अलग जिलों से पूछी गयी है तालाब और डोभा की परिभाषाः राज्य के कई जिलों में तालाब में डूबने से होने वाली मौत के बाद जब पीड़ित परिवार से मुआवजे की मांग की गई तो जिला की ओर से मुख्यालय से यह पूछा गया कि डोभा और तालाब में अंतर (difference between Dobha and Talab) क्या है. इसकी परिभाषा कैसे तय की जाए ताकि पीड़ित परिवार को मिलने वाले मुआवजे पर कोई फैसला लिया जा सके. क्योंकि अभी जो संकल्प आपदा में राहत को लेकर है, उसमें डोभा का जिक्र तो है पर तालाब का नहीं है. ऐसे में तालाब में डूबने से होने वाली मौत पर मुआवजा कैसे दिया जाए यह एक बड़ा सवाल है.

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क्या कहते हैं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ताः झारखंड में तालाब और डोभा की परिभाषा (Definition of pond and dobha) के बीच दर्जनों पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं मिलने के सवाल पर राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता (Disaster Management Minister Banna Gupta) ने माना कि संकल्प में त्रुटि की वजह से ऐसी समस्या आ रही है और विभाग इस दिशा में गंभीर हुआ है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से अन्य राज्यों की नियमावली मंगाई जा रही है ताकि त्रुटियों को दूर किया जा सके. आपदा प्रबंधन मंत्री ने साफ किया कि डोभा और तालाब में कोई खास अंतर नहीं होता और मौत तो मौत है, ऐसे में मृतकों के परिजनों को थोड़ी राहत मुआवजे से मिल सके यह सरकार भी चाहती है. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से राज्य के लोगों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस त्रुटि को दूर कर लिया जाएगा.

झारखंड सरकार का 2018 का संकल्प
भारत और राज्य सरकार द्वारा तय प्राकृतिक आपदा की सूचीःभारत सरकार द्वारा घोषित प्राकृतिक आपदाओं (list of natural calamities) में चक्रवात, सूखा, भूकंप, अग्निकांड, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिम स्खलन, बादल फटना, कीट नुकसान और शीत लहर और पाला शामिल है. वहीं झारखंड में राज्य की ओर से विशिष्ट प्राकृतिक आपदा में अतिवृष्टि, सर्पदंश, खनन जनित आपदा, नाव दुर्घटना, डोभा /जलप्रपात में डूबने से मौत, भगदड़ और गैस रिसाव संबंधी आपदाओं से होने वाले जानमाल की क्षति पर अनुदान की राशि का प्रावधान है. लेकिन इसमें तालाब का जिक्र नहीं होने की वजह से तालाब में डूब कर हुई मौत पर कोई मुआवजा नहीं मिल रहा है.
Last Updated : Aug 29, 2022, 8:23 AM IST

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