रांची:राजधानीरांची के एक होटल में आयोजित द्वितीय झारखंड माइनिंग समिटराज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड में प्रचूर खनिज संपदा होने के बावजूद यहां के लोगों के जीवन स्तर में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर चिंता जताई है. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा आयोजित एकदिवसीय इस समिट में सीसीएल, हिंडाल्को, टाटा स्टील, जिंदल स्टील, आईआईटी-आईएसएम धनबाद के अलावा वन विभाग झारखंड सरकार और इक्फाई यूनिवर्सिटी के अधिकारी उपस्थित थे.
झारखंड माइनिंग समिट: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य का विकास नहीं होने पर जताई चिंता, पर्यावरण संरक्षण की भी दी सलाह - Jharkhand news
रांची में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा एक दिवसीय माइनिंग समिट का आयोजन किया गया. इस दौरान राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण ने झारखंड के लोगों के जीवन स्तर में अपेक्षाकृत प्रगति नहीं होने पर चिंता जताई.
Published : Aug 25, 2023, 5:44 PM IST
|Updated : Aug 25, 2023, 6:20 PM IST
खनन से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े-राज्यपाल:इस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने संबोधित करते हुए कहा कि देश के विकास के लिए औद्योगिक विकास का होना नितांत आवश्यक है, लेकिन हमें यह देखना होगा कि इसका पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. खनन किए जाने के बाद सुनियोजित तरीके से माइंस के रख-रखाव और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर उस पर कार्रवाई की जानी होगी. अब तो ऐसी तकनीक विकसित हो चुकी है कि दुनिया के कई देश मरुस्थल को उर्वरक बनाते हुए उसमें खेती कर रहे हैं, तो हम बंद पड़े अनुपयोगी खदानों का यथोचित उपयोग क्यूं नहीं कर सकते हैं?
राज्यपाल ने कहा कि माइनिंग का स्वरूप अब लगातार बदल रहा है. पारंपरिक तरीके से की जाने वाली माइनिंग के स्थान पर अब अग्रणी तकनीक से माइनिंग की जा रही है. इस अग्रणी तकनीक में ऑटोमेशन, रोबोट, डाटा एनालिटिक्स का उपयोग होने से माइनिंग की क्षमता और वहां काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा एवं पर्यावरण की रक्षा पहले की अपेक्षा बेहतर तरीके से करना शुरू कर दिया गया है.
इस अवसर पर झारखंड सरकार के मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, साईनाथ यूनिवर्सिटी के कुलपति एसपी अग्रवाल, आईआईटी-आईएसएम धनबाद के प्रोफेसर शिव शंकर राय, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के माइनिंग हेड आरके गुप्ता, इक्फाई यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर रमन कुमार झा, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बी के झा सहित खनन क्षेत्र से जुड़े कई लोगों ने वर्तमान खनन पद्धति और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती पर अपना विचार व्यक्त किए.