रांचीः झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए झारखंड में मिनी लॉकडाउन पहले ही लागू कर दिया गया है. इस कड़ी में अब कक्षा छह से 12 तक के स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है. अब स्कूल नहीं खुलेंगे, बल्कि शिक्षक बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई कराएंगे. इसको लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने SOP जारी किया है.
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झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सभी क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक, शिक्षा पदाधिकारी और शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारियों को एक निर्देश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि कक्षा 6 से 12 के विद्यालयों को एक बार फिर बंद किया गया है. इसके लिए ऑनलाइन पठन-पाठन हर हाल में सुनिश्चित करना है. इससे पहले 2020 में कोरोना काल के दौरान शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई थी. 2021 में कुछ हद तक लॉकडाउन में छूट मिली और धीरे-धीरे व्यवस्था सामान्य हुई.
बताते चलें कि कोरोना काल के दौरान स्कूलों में ताले लटक रहे थे. कक्षा एक से बारहवीं तक की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यमों से हुई. व्हाट्सएप एप ग्रुप के माध्यम से कक्षा 1 से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को पठन पाठन सामग्री उपलब्ध कराई गई. हालांकि वर्ष 2021 में लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद कक्षा 6 से 12 के विद्यालयों को खोल दिया गया था. लेकिन एक बार फिर 2022 में प्रवेश करते ही कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है. इससे कक्षा 6 से 12 के विद्यालयों को एक बार फिर बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है.
परीक्षाओं की चल रही थी तैयारीः इधर परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है. कक्षा एक से सात, नौ और 11वीं की परीक्षा भी ली जानी है. आठवीं मैट्रिक इंटर की परीक्षा संभावित है. विद्यार्थियों का नामांकन अगली कक्षा में होना है, इसकी तैयारी भी चल रही है. लेकिन ऐन मौके पर कक्षाएं बंद हो गईं. इससे विद्यार्थियों की भी मुसीबत बढ़ने वाली है.
बेहतर ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्थाःविद्यार्थियों को हर हाल में पठन-पाठन मुहैया कराने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग की ओर से एक बार फिर व्हाट्सएप के माध्यम से कक्षा 1 से 12 वीं की पठन सामग्री उपलब्ध कराने ,ऑनलाइन पठन-पाठन सुनिश्चित करने को लेकर निर्देश जारी किया गया है. शिक्षकों को हर हाल में विद्यार्थियों तक डिजिटल कंटेंट मुहैया कराना है. इंटरमीडिएट और मैट्रिक की परीक्षा को देखते हुए परीक्षार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से ही तैयारी भी करानी है.
एकेडमिक पदाधिकारियों द्वारा 10 से 15 शिक्षकों के साथ ऑनलाइन फीडबैक लेने को लेकर कमेटी भी बनाई जा रही है. डिजिटल कंटेंट व्यवस्था को उचित प्लेटफार्म पर प्रसारण करने की तैयारी भी सुनिश्चित करनी है. रूटीन के तहत ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करना अनिवार्य किया गया है.