रांची: पिछले दिनों आप पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली में पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर इंडिया (I.N.D.I.A) के घटक दलों ने आपत्ति दर्ज की है. इंडिया घटक दलों के नेताओं ने कहा कि जिस तरह से केंद्र में बैठी सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है, यह गलत है. इसके मद्देनजर शनिवार को रांची में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस घटक दलों के नेताओं की बैठक हुई. जिसमें वाम दल के नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राजद, झामुमो के प्रतिनिधि शामिल रहे.
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सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए सड़क पर उतरने का निर्णयःबैठक की अध्यक्षता भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ इंडिया गठबंधन लगातार लड़ाई लड़ रहा है. जनहित से जुड़े मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने की रणनीति बनायी जा रही है, ताकि सत्ता के दुरुपयोग को रोका जा सके.
आपसी भाईचारे के खत्म करने की हो रही साजिशः बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता राकेश किरण ने कहा कि देश में नफरत की दुकान चलाने वाली भाजपा सरकार को प्रेम और आपसी भाईचारा पसंद नहीं है. इसलिए इंडिया घटक दलों में केंद्र सरकार के खिलाफ काफी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि इंडिया घटक दल के लोग देश में मोहब्बत का पैगाम देना चाहते हैं, जिसे भाजपा रोकना चाहती है.
विपक्षियों को डराना चाहती है भाजपाःवहीं बैठक में मौजूद आम आदमी पार्टी और राजद नेता ने कहा कि जिस तरह से विपक्षी नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसी से कार्रवाई करवायी जा रही है इससे साफ पता चलता है कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार विपक्षियों को डराना चाहती है, ताकि चुनाव से पहले विपक्षियों में टूट पैदा हो जाए, लेकिन 2024 के चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए इंडिया गठबंधन कटिबद्ध है और किसी भी हालत में 2024 के चुनाव में भाजपा को देश की जनता जरूर जवाब देगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को किया जा रहा परेशानः वहीं बैठक में मौजूद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मुस्ताक अंसारी ने कहा कि जिस तरह से उनके लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के माध्यम से तंग कराया जा रहा है, इसे पूरे प्रदेश की जनता देख रही है. आने वाले दिनों में झारखंड की जनता वोट की चोट से जवाब देगी.
नौ अक्टूबर को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का निर्णयःवहीं बैठक में मौजूद इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस दलों के नेताओं ने निर्णय लिया कि 9 अक्टूबर को रांची के शहीद चौक से राजभवन तक विरोध मार्च निकाला जाएगा और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा. राज्यपाल से आग्रह किया जाएगा कि उनके ज्ञापन को राष्ट्रपति तक भेजा जाए.