रांची: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों द्वारा ED के अफसरों के खिलाफ रची जा रही साजिश मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने ED को सीलबंद रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
ये भी पढ़ें-जेल अधीक्षक, जेलर और क्लर्क को ईडी का समन, एजेंसी के अफसर के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
दरअसल, यौन शोषण पीड़िता सुषमा बड़ाइक मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा के खंडपीठ में हो रही थी. सुनवाई के दौरान सुषमा बड़ाइक की ओर से बताया गया कि उनकी सुरक्षा के लिए मिले कांस्टेबल ही उन्हें धमका रहे हैं. इसी क्रम में जेल से ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों द्वारा ईडी के अधिकारियों को धमकाने का मामला उठा. इसपर कोर्ट ने ईडी से सीलबंद रिपोर्ट मांगी है.
क्या है पूरा मामला:दरअसल, साजिश की भनक लगने के बाद ईडी की टीम ने कोर्ट से ऑर्डर लेकर 3 नवंबर को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छापेमारी की थी. ईडी को जानकारी मिली थी कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ईडी के अफसरों को धमकाने और झूठे मुकदमें में फंसाने की साजिश रच रहे हैं. ईडी को यह भी सूचना मिली थी कि जेल से ही गवाहों को भी धमकाया जा रहा है.
इस मामले में ईडी ने जेल अधीक्षक हामिद अख्तर, जेलर नसीम खान और क्लर्क दानिश से पूछताछ की कार्रवाई भी शुरू कर दी है. 7 नवंबर को क्लर्क दानिश से पूछताछ हुई है. 8 नवंबर को जेलर नसीम खान और 9 नवंबर को जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी की टीम जेल के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाल रही है. बताया जाता है कि ईडी के गवाहों को धमकाने के लिए जेल के क्लर्क दानिश के फोन का इस्तेमाल किया गया था.