रांची: उत्तराखंड के देहरादून में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का समापन हो गया. इस दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर की खासियत यह रही कि देश के सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारियों ने एक साझा मंच पर हेल्थ सिस्टम को बेहतर बनाने पर चर्चा की. विभिन्न राज्यों की ओर से अलग-अलग सुझाव भी आए, जिसपर स्वास्थ्य मंत्रालय बाद के दिनों में निर्णय लेगा.
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इस दो दिवसीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंतन के समापन सत्र में झारखंड का मान तब और बढ़ गया जब कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन की जिम्मेदारी दे दी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बतौर मंच संचालक, अपनी भूमिका बखूबी निभाई. इस बीच बन्ना गुप्ता ने कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव को आमंत्रित कर परिचर्चा संपन्न करवायी. स्वास्थ्य मंत्री के मंच संचालन की बहुत से राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और अधिकारियों ने मुक्तकंठ से सराहना भी की.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर के अंतिम दिन मंच संचालन करने का जो अवसर प्रदान हुआ है, उसकी यादें उनके जीवन के साथ हमेशा के लिए जुड़ गयी हैं. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड राज्य और मेरे लिए ये गौरव की बात है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को संचालित करने का उन्हें मौका दिया गया.
पीसीपीएनडीटी एक्ट पर चर्चाः स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने फोन पर बताया कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कठोर पीसीपीएनडीटी एक्ट और टीबी उन्मूलन पर वृहद चर्चा हुई. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि टीबी उन्मूलन और पीसी पीएनडीटी एक्ट का कठोरता से पालन कराने की जरूरत है. इसके लिए एक संयुक्त कार्य योजना बनाकर कार्य करने का सुझाव भी झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री दिया. मंत्री बन्ना गुप्ता ने चिंतन शिविर में सपने संबोधन के दौरान झारखंड राज्य को विशेष अनुदान देने, स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनीं सहिया बहनों का मानदेय बढ़ाने, आधुनिक और आधारभूत संरचना को उपलब्ध कराने की मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से की.
2024 में ही टीबी मुक्त झारखंड के संकल्प की सराहनाः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्व से टीबी को खत्म करने का संकल्प वर्ष 2030 है. पीएम मोदी ने देश से टीबी को खत्म करने के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है. ऐसे में यह सुनना बेहद सुखद है कि झारखंड प्रदेश ने राष्ट्रीय समय सीमा से एक साल पहले यानी 2024 में ही टीबी मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लिया है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर के पहले दिन यानी शुक्रवार को भी स्वास्थ्य मंत्री ने हर जिले में सीसीयू खोलने के लिए तय मापदंडों में बदलाव, राज्य को इसके लिए निर्णय लेने की स्वतंत्रता, रनिंग कॉस्ट बढ़ाने, सरकारी विद्यालयों में योग शिक्षक की बहाली के लिए आर्थिक मदद की मांग की. इसके साथ ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के योग प्रशिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी, 15वें वित्त के बकाया 445 करोड़ रुपये राज्य को जल्द उपलब्ध कराने सहित कई मांग से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया था.