रांचीः कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए झारखंड में आज से 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर रही है. राज्य में 1 करोड़ 57 लाख की आबादी ऐसे लोगों की है, जो 18 से 44 वर्ष के हैं. झारखंड सरकार अपने खर्च पर इन्हें वैक्सीन लगवाएगी.
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टीके की उपलब्धता के लिए सरकार ने उठाए कई कदम
झारखंड सरकार ने 18+ लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए 25 लाख वैक्सीन का PO भेजा था. लेकिन भारत सरकार और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से मई महीने में झारखंड को 3 लाख 87 हजार कोविशील्ड वैक्सीन की सहमति मिली. वहीं मई महीने में 1 लाख 34 हजार 400 कोवैक्सीन झारखंड को मिलना है. कोवैक्सीन की मई महीने की पूरी डोज रांची पहुंच चुकी है. जबकि कोविशील्ड का सिर्फ 1 लाख डोज रांची आया है.
अब तक 6 लाख से ज्यादा लोगों को दिया जा चुका दूसरा डोज
झारखंड में 16 जनवरी से टीकाकरण का अभियान जारी है. तब से लेकर अब तक 6 लाख 51 हजार 730 लोगों ने दूसरा डोज ले लिया है. जबकि 27 लाख 89 हजार 226 लोगों ने फर्स्ट डोज लिया है. कुल मिलाकर 34 लाख 40 हजार 956 लोगों को डोज दिया जा चुका है.
केंद्र पर मदद नहीं करने का स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने लगाया आरोप
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में वैक्सीनेशन के लिए जितने वैक्सीन की मांग की गई थी, उतनी वैक्सीन अपनी राशि से भी खरीदने की अनुमति नहीं मिली. 25 लाख वैक्सीन की जगह महज 5 लाख 21 हजार के करीब वैक्सीन मई महीने के लिए अलॉट किया गया, जबकि राज्य कोवक्सीन 400 रुपये प्रति डोज और कोविशील्ड 300 रुपये प्रति डोज अपने संसाधन से खरीद रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र पर आरोप लगाया कि राज्य में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की किल्लत है. 35 हजार करोड़ रुपये कोरोना के लिए केंद्र के बजट में है. लेकिन एक देश में तीन-तीन टैरिफ वैक्सीन के लिए तय किया गया है. बन्ना गुप्ता ने केंद्र की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि जीवन रक्षक दवाओं की कीमत पर सरकार कैपिंग करें.