झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

देश को आत्मनिर्भर बनाने के आड़े आ रही थी मैकाले की शिक्षा नीति, आईसीसी कॉनक्लेव में बोले राज्यपाल - रांची न्यूज

बुधवार को झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन रांची में आईसीसी कॉनक्लेव में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनने की राह में मैकाले की शिक्षा नीति बाधा बन रही थी.

CP Radhakrishnan at ICC Conclave
CP Radhakrishnan at ICC Conclave

By

Published : Aug 2, 2023, 8:29 PM IST

रांची: मैकाले की शिक्षा पद्धति देश को आत्मनिर्भर बनाने में बाधा पैदा कर रही थी. इसकी वजह से हम गुलामी की मानसिकता से नहीं उबर पा रहे थे और समाज के विकास के लिए जरूरी परिवर्तन करने में सक्षम नहीं हो पा रहे थे. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्माण की दिशा में पहल करने और जन-आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र को ऐसी प्रभावी शिक्षा नीति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया.

ये भी पढ़ें-झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लोगों को बताया योग का महत्व, कहा- भारत है इसमे विश्वगुरु

रांची के आड्रे हाउस में आयोजित 4th ICC Education Conclave: Implementation of NEP 2020 In Higher & Technical Education कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महान भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने जनमानस के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत की है. इस शिक्षा नीति को लाने से पहले देश के शिक्षाविदों और शोधर्थियों का सुझाव भी लिया गया था. इससे पहले मैकाले की शिक्षा पद्धति की वजह से हम गुलामी की मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहे थे.

राज्यपाल ने कहा कि एनईपी 2020 का उद्देश्य देश की शिक्षा व्यवस्था में सकारत्मक बदलाव लाना है, यह तभी संभव है जब इंसान की क्षमता को पूर्ण रूप से विकसित किया जाय. उनके सैद्धांतिक ज्ञान को प्रयोगिक ज्ञान के साथ जोड़ा जाय. इसलिए इस शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और शोध पर फोकस किया गया है. विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए नियमित कार्यशालाओं, शिक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान दिया गया है. उच्च शिक्षा प्रणाली में शिक्षा को प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत करते हुए कौशल-उन्मुख शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है, जो छात्रों को बहुमुखी कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है. इस तरह की पढ़ाई के बाद रोजगार हासिल करने की संभावना बढ़ेगी और देश में नए उद्योगों को जरूरत के हिसाब से कौशल मानव बल मिल सकेगा. छात्र अपने कौशल के अनुसार अभिनव कार्य भी कर सकेंगे.

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हमारा देश पूर्व में पूरे विश्व के लिए एक अहम शिक्षा केंद्र के रूप में जाना जाता था. नालंदा, विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्रों में उच्च मानक स्थापित किए थे. हमें फिर से वही गौरव हासिल करना है और भारत को फिर से विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना है. हम इस दिशा में निरंतर प्रगति कर रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि कोविड का टीका विकसित करने से लेकर विशेषकर विकासशील देशों में टीका की आपूर्ति कर भारत ने अपनी तकनीकी क्षमता के साथ-साथ विश्व-बंधुत्व की भावना का भी परिचय दिया है. शिक्षा का उद्देश्य मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देते हुए बेहतर समाज का निर्माण करना और राष्ट्रीय चेतना विकसित करना है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से कुशल कार्यबल तैयार होगा और राष्ट्र आगे बढ़ेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details