रांची: झारखंड सरकार 29 नवनियुक्त सरकारी डॉक्टरों पर कठोर कार्रवाई करने जा रही है. इन डॉक्टरों पर आरोप है कि इन्होंने 03-04 अप्रैल 2023 को नियुक्ति पत्र लेने के बाद भी अभी तक अपने-अपने अस्पतालों में सेवा नहीं दी है. स्वास्थ्य विभाग ऐसे डॉक्टरों को 15 अगस्त तक योगदान के लिए एक और मौका देगी. उसके बाद भी जो डॉक्टर बिना वाजिब वजह के योगदान नहीं देंगे. उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
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क्या है पूरा मामला:झारखंड के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने JPSC चयनित 171 चिकित्सकों को 03 अप्रैल को नियुक्ति पत्र सौंपा था. नियुक्ति पत्र के साथ ही सभी नवनियुक्त चिकित्सकों को अलग-अलग अस्पतालों में योगदान देने के लिए कहा गया था. नियुक्ति पत्र मिलने के चार महीने से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद इन 171 डॉक्टरों में से 29 डॉक्टरों ने अपने-अपने अस्पतालों में योगदान नहीं दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने अब इन्हीं 29 डॉक्टरों को योगदान देने का एक और मौका देते हुए कार्रवाई की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है.
कठोर दंड देने की है योजना:नियुक्ति पत्र लेने के बाद अपने कार्यस्थली (अस्पताल) में योगदान नहीं देने वाले 29 चिकित्सकों को संबंधित जिले के सिविल सर्जन को प्रभार ग्रहण नहीं करने का कारण बताते हुए 15 अगस्त 2023 तक योगदान देने को कहा गया है. योगदान नहीं देने वाले चिकित्सकों को झारखंड में भविष्य में सरकारी नौकरियों के लिये अयोग्य घोषित करने के साथ साथ ऐसे चिकित्सकों का मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द करने की अनुशंसा भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग यानी NMC से की जाएगी.
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने:नियुक्ति पत्र लेने के बाद भी अस्पतालों में योगदान नहीं देने वाले डॉक्टरों पर कठोर कार्रवाई करने की बनीं योजना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जो डॉक्टर्स अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विभाग वैसे डॉक्टरों की भी सूची बना रहा है, जो बिना बताएं वर्षों से सेवा से गायब हैं. उन्होंने कहा कि सरकार लिबरल जरूर है, लेकिन हमें स्वास्थ्य व्यवस्था को भी सुचारू रूप से चलाना है.
नवनियुक्त डॉक्टरों पर कठोर कार्रवाई के विरोध में है झारखंड IMA: झारखंड IMA के प्रदेश महासचिव डॉ प्रदीप सिंह ने अस्पतालों में योगदान नहीं देने वाले डॉक्टरों पर सरकार की ओर से कठोर कार्रवाई की बन रही योजना की निंदा की है. डॉ प्रदीप सिंह ने ईटीवी भारत को फोन पर IMA का पक्ष रखते हुए कहा कि कठोर कार्रवाई की जगह सरकार और स्वास्थ्य महकमा यह चिंतन करें कि आखिर राज्य के युवा डॉक्टरों की सरकारी नौकरी में दिलचस्पी क्यों नहीं है. क्यों यहां का मेधावी और होनहार युवा डॉक्टर बिहार और दूसरे प्रदेश में जाकर नौकरी करता है, लेकिन राज्य में नहीं. डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि अगर इसी तरह की कार्रवाई का भय दिखाते रहें तो आनेवाले दिनों में यहां की सरकारी नौकरियों में डॉक्टर अप्लाई ही नहीं करेंगे.
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जिन 29 डॉक्टरों की सूची बनाई है उनके नाम इस तरह हैं......
- डॉ उत्तम कुमार
- डॉ प्रिया कुमारी
- डॉ सोनम सरिता
- डॉ रचयिता विजय सुंदरम
- डॉ अपूर्वम
- डॉ तनिष्का बर्णवाल
- डॉ नौसिन सदान
- डॉ चंडी दास मलिक
- डॉ विभूति कुजूर
- रजनी बाला कुमारी
- डॉ कुमारी अंकिता
- डॉ प्रियंका जॉयसी हेरेंज
- डॉ श्रीजा कृष्णा
- डॉ अलका रश्मि नाग
- डॉ इंद्र भूषण सिंह
- डॉ रोहित कुमार महतो
- डॉ बिनीत कुमार
- डॉ नंदिनी चौधरी
- डॉ शुभम सिंह
- डॉ शिवम गुप्ता
- डॉ अर्चित कुमार
- डॉ सबिता बास्की
- डॉ प्रोसेनजीत अधिकारी
- डॉ उमेश चंद्र
- डॉ प्रेम प्रकाश
- डॉ अभिजीत आनंद
- डॉ रंजीत कुमार रजक
- डॉ अर्चना कुमारी
- डॉ विश्वजीत करुणामय