रांची: वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम दिन यानी 31 मार्च को राज्य सरकार ने खजाना खोलकर रख दिया है. वित्त विभाग के निर्देश के मुताबिक, राज्यभर के सभी ट्रेजरी में बुधवार 3 बजे तक प्राप्त विपत्र यानी बिल का भुगतान हो सकेगा. सभी कोषागार और संबंधित बैंकों को रात 12 बजे तक खोलने के निर्देश दिए गए हैं.
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बिल का भुगतान रात 11 बजे तक
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गाइडलाइन के मुताबिक, बिल का भुगतान रात 11 बजे तक ही हो सकेगा. इधर, दोपहर दो बजे तक राजधानी के समाहरणालय स्थित जिला कोषागार में बिल जमा होने की रफ्तार धीमी रही. जिला कोषागार पदाधिकारी मनोज कुमार की मानें तो इस बार ट्रेजरी में बिल भुगतान को लेकर कोई परेशानी नहीं है. तीन बजे तक आने वाले विपत्र की जांच करने के बाद देर शाम तक भुगतान हो जायेगा. विपत्रों की संख्या कम होने का कारण इस महीने लंबित बिल का भुगतान होना है. पिछले वर्ष मार्च महीने में अकेले रांची जिला कोषागार से 6400 बिल जमा हुए थे. इस वर्ष यह आंकड़ा कुछ दिन पहले ही पार कर चुका है.
ऑफलाइन और ऑनलाइन बिल जमा करने की सुविधा
कोषागार में मार्च क्लोजिंग के दिन होने वाले भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बिल जमा करने की व्यवस्था की है, जिसके कारण ट्रेजरी के बाहर लगने वाली भीड़ इस बार नहीं दिख रही है. नेपाल हाउस सचिवालय स्थित डोरंडा कोषागार में भी कुछ ऐसा ही दिखा. सरकार के गाइडलाइन का पालन कराने में जुटी ट्रेजरी ऑफिसर मोनिका सिन्हा की मानें तो कोषागार से निकासी सुबह 11 बजे से रात तक होगी, जिसका आंकड़ा गुरुवार दोपहर तक अंतिम रूप से आएगा. उन्होंने कहा कि निकासी की राशि निर्धारित नहीं की गई है. वित्त विभाग और आरबीआई के निर्देश का पालन करते हुए ही बिल का भुगतान हो सकेगा. रात 11 बजे से 12 बजे तक आने वाले बिल अमान्य करते हुए वापस कर दिया जाएगा. इन सबके बीच बिल भुगतान कराने के लिए कई विभागों के कर्मी ट्रेजरी का चक्कर काटते हुए दिखे.
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अलॉटमेंट मिलने में नहीं है कोई परेशानी
नेपाल हाउस ट्रेजरी पहुंचे जल संसाधन विभाग के कर्मी सुनील कुमार की मानें तो अलॉटमेंट मिलने में कोई परेशानी नहीं है, जिसके कारण समय से लोग बिल या तो ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा कर देते हैं. बहरहाल, कोरोना के कारण इस वित्तीय वर्ष में बजटीय प्रावधान के बाबजूद शुरुआती दौर में कई प्रतिबंधों के साथ निकासी की अनुमति दी गई थी, लेकिन कुछ महीने से स्थितियां जैसे-जैसे सामान्य होने लगी, वित्त विभाग ने भी पाबंदियों पर लगी रोक को हटाया जाने लगा. ऐसे में जिस रफ्तार से विकास योजनाओं पर खर्च होनी चाहिए थी, जो नहीं हो पाया. ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि एक बार फिर भारी भरकम राशि सरेंडर करेगा.