मृत्युंजय कुमार झा, महामंत्री, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ रांची: लंबे समय से आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से झारखंड सरकार में कार्यरत कर्मियों के दिन बदलने वाले हैं. राज्य सरकार ने ऐसे कर्मचारियों को स्थायी करने की दिशा में तैयारी शुरू कर दी है. सरकार के इस पहल पर वित्त विभाग ने सभी विभागों से ऐसे कार्यरत कर्मियों की लिस्ट मांगी है, जो लंबे समय से कार्यरत हैं. इसके अलावा विभाग से आवश्यकता अनुरूप अतिरिक्त कर्मियों की भी जानकारी मांगी गई है, जिसे आनेवाले समय में भरा जा सके.
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सरकार की मंशा है कि यदि किसी विभाग में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या आवश्यकता से ज्यादा है तो उन्हें वैसे विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाए, जहां आवश्यकता अनुरूप कर्मचारियों की संख्या कम है. सरकार के इस कदम का लाभ आशुलिपिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, चालक, आदेशपाल और गृहरक्षक जैसे आउटसोर्सिंग पर कार्यरत लोगों को होगा. वित्त विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों को चिठ्ठी भेजी है.
एक लाख से अधिक हैं आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारी:झारखंड सरकार के सचिवालय से लेकर प्रखंड कार्यालय में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या एक लाख से अधिक है. वित्त विभाग के पत्र के संबंध में योजना और विकास विभाग द्वारा तैयार आंकड़ों में 25 कर्मी इस विभाग में आउटसोर्सिंग पर हैं. इसी तरह सरकार के अन्य विभाग, जिला उपायुक्त कार्यालय और प्रखंड कार्यालय में कर्मी कार्यरत हैं.
कर्मचारी महासंघ ने इस पहल की सराहना की: झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री मृत्युंजय कुमार झा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि इससे लंबे समय से कम मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों की मांग पूरी हो जायेगी. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला पहले ही आ चुका है, जिसे देखते हुए सरकार की यह पहल स्वागत योग्य है. बहरहाल, सरकार के इस पहल से जहां आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ गई है, वहीं विभागीय स्तर पर लिस्ट तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है.