रांची: झारखंड सरकार ने 5 घंटे के भीतर एक और बड़ा फैसला लिया है. 10 मार्च की शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव विनय चौबे को आईपीआरडी के सचिव का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. लेकिन चंद घंटे बीतते ही रात करीब 11 बजे उस आदेश को विलोपित कर दिया गया. विनय चौबे अब आईपीआरडी के सचिव नहीं रहेंगे. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की ओर से इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
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दरअसल, 5 मार्च को एक वायरल वीडियो के बाद सरकार ने राजीव अरूण एक्का को सीएम के प्रधान सचिव के अलावा आईपीआरडी के प्रधान सचिव, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के अतिरिक्त प्रभार से हटाकर पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बना दिया गया था. इस दौरान उनके पास आपदा प्रबंधन प्रभाग के अतिरिक्त प्रभार को भी छोड़ दिया गया था.
इस बदलाव के पांच दिन बाद सरकार ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल को गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया था. साथ ही मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे को आईपीआरडी के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया था. लेकिन अब इस फैसले को बदल दिया गया है. हालांकि विनय चौबे के पास उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, प्रबंध निदेशक, जुडको और प्रबंधन निदेशक, ग्रेटर रांची विकास एजेंसी का अतिरिक्त प्रभार पहले की तरह रहेगा.
फिलहाल सरकार के इस फैसले की जोर शोर से चर्चा हो रही है. खासकर राजनीति और ब्यूरोक्रेसी के लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह बनी कि महज पांच घंटे के भीतर विनय चौबे को जो प्रभार दिया गया, उसे विलोपित करना पड़ा. खास बात है कि इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.