रांची:सामान्य स्कूल में उर्दू शब्द जोड़ने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. एक के बाद एक विभिन्न जिलों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे करने वालों का तर्क है कि एक लंबे समय से ऐसा चला रहा है जबकि, सरकार के शिक्षा विभाग का मानना है कि लोग इसे गलत तरीके से परिभाषित कर रहे हैं. हालांकि इस मामले को लेकर राज्य सरकार का शिक्षा विभाग सख्त है. उपायुक्त की ओर से इसे लेकर कार्रवाई करने के लिए निर्देश भी जारी किया गया है.
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क्या है पूरा मामला:दरअसल, झारखंड के सामान्य सरकारी स्कूलों में अभी भी उर्दू शब्द जोड़ने का मामला सामने आ रहा है. मामले को लेकर अब और भी कई बातें सामने आ रही है. इसी कड़ी में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ-साथ उपायुक्तों को भी पत्र के माध्यम से सामान्य सरकारी स्कूलों में उर्दू शब्द जोड़ने, सप्ताहिक छुट्टी को बदलकर शुक्रवार करने और प्रार्थना पद्धति में बदलाव के मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
आदेश में क्या है: इस निर्देश के तहत विभागीय सचिव ने सभी जिलों के डीसी से कहा है कि अगर इस मामले में विद्यालय प्रबंधन समिति, विद्यालय प्रबंधन, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, क्षेत्र के लोग या फिर कोई भी बाधा डाले तो उन पर सीधी कार्रवाई की जाए. अधिसूचित उर्दू विद्यालय को छोड़कर जिन विद्यालयों में उर्दू शब्द जोड़ा गया है, उसे जल्द से जल्द हटाया जाए. सप्ताहिक अवकाश अधिसूचित उर्दू विद्यालयों को छोड़कर शुक्रवार की जगह रविवार को ही हो. मध्यान भोजन का संचालन रविवार को किसी भी हालत में नहीं होगा और अगर किसी भी स्कूल प्रबंधन की ओर से ऐसा किया जाता है, तो उन पर तुरंत विभागीय कार्रवाई की जाए.
झारखंड के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग का आदेश क्षेत्र की लोग कर रहे मनमानी लेकिन विभाग सख्त:बताते चलें कि यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मामले को लेकर क्षेत्र के लोग भी मनमानी कर रहे हैं. हालांकि अब इस पर झारखंड का स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग सख्त है. शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को भी मामले को लेकर कारवाई करने का सीधा निर्देश दे दिया है.