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मिल्खा सिंह के निधन से झारखंड के खेल जगत में शोक, धावक बोले- उन्हीं को देख दौड़ना सीखा

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के निधन के बाद झारखंड के धावक शोक में डूब गए हैं. लोगों का कहना है कि मिल्खा सिंह के रिकॉर्ड, उनकी उपलब्धियों को देखते और सुनते हुए ही उन्होंने भी दौड़ना सीखा है

पjharkhand athlete's reaction on milkha singh's death
मिल्खा सिंह के निधन से झारखंड के खेल जगत में शोक

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Published : Jun 19, 2021, 3:15 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 3:50 PM IST

रांची:आज पूरे भारत के साथ-साथ झारखंड के धावक भी शोकाकुल है, उनकी आंखें नम हैं क्योंकि दौड़ने की कला सिखाने वाले भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का निधन हो गया है. उनके निधन की खबर सुनते ही झारखंड के वर्तमान और पूर्व एथलीट काफी दुःखी हैं.

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शोक में डूबा खेल जगत

फ्लाइंग सिख का निधन खेल, खिलाड़ियों और देश के लिए ये अपूरणीय क्षति है. मिल्खा सिंह के निधन की खबर सुनते ही झारखंड के कई धावक गम में डूब गए हैं. लोगों का कहना है कि मिल्खा सिंह के रिकॉर्ड, उनकी उपलब्धियों को देखते और सुनते हुए ही उन्होंने भी दौड़ना सीखा है और आज देश का नाम रोशन कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

झारखंड के कई अंतरराष्ट्रीय एथलीट रामचंद्र सांगा, कोच अरविंद कुमार, अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता रितेश आनंद समेत राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पूर्व और वर्तमान एथलीट ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है.


उपलब्धियों से अलंकृत थे मिल्खा सिंह

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के नाम कई उपलब्धियां हैं.

  • 1959 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था.
  • राष्ट्रमंडल खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के एकमात्र पुरुष खिलाड़ी थे.
  • वर्ष 1960 के ओलंपिक खेलों में 400 मीटर की फाइनल दौड़ में मिल्खा सिंह को मिलने वाले चौथे स्थान के लिए सर्वाधिक याद किया जाता है.
  • राष्ट्रीय खेलों से शुरू हुआ उनके जीवन का सफर काफी रोचक रहा.
  • देश विदेश के खिलाड़ी उनके साथ ट्रैक में दौड़ने से हिचकिचाते थे. आज उनके निधन से दौड़ के क्षेत्र में एक युग का अंत हो गया.
Last Updated : Jun 19, 2021, 3:50 PM IST

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