रांची: पंचायत सचिव अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज का मामला झारखंड विधानसभा में भी उठा. शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले बेहद ही हंगामेदार रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायक सदन के अंदर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे.
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हंगामा बढता देख स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. 12 बजे सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से जैसे ही शुरू हुई तो माले विधायक विनोद सिंह ने सदन में पोषण सखी के लंबित मानदेय भुगतान का मामला उठाया जिसपर राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया. माले विधायक विनोद सिंह के द्वारा बेरोजगारी का भी मुद्दा सदन में उठाया गया. हालांकि इस बीच बीजेपी द्वारा हंगामा मचाये जाने के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
पंचायत सचिव अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की हुई निंदा: पंचायत सचिव अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज की घटना का निंदा करते हुए माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सरकार नौकरी देने के बजाय लेने का काम करती रही है. उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव अभ्यर्थी लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं. सरकार ने आश्वासन भी दिया, मगर अब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई. इधर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने लाठीचार्ज के दौरान एक अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे का एसआई द्वारा पीटे जाने पर नाराजगी जताते हुए सदन में इसे उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव अभ्यर्थी की मांगों पर सरकार विचार करेगी. सड़क पर खड़ा होने से पंचायत सचिव अभ्यर्थियों की मांगें पूरी नहीं होने वाली है.
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झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अधिकारियों की सदन की कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित रहने का मुद्दा छाया रहा. भोजनावकाश के बाद शुक्रवार को दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तब राज्य सरकार के सभी आला अधिकारी अनुपस्थित दिखे.अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सदन में चर्चा शुरू हो गई और देखते ही देखते विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सदन में सरकार को घेरने लगे. सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे नोंक-झोक के बीच स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो नाराज सदस्यों को अधिकारियों के जल्द ही उपस्थित होने की बात कहकर शांत करने की कोशिश करते रहे, इसके बाबजूद सदन थोड़ी देर के लिए गरमाया रहा.
अधिकारियों की अनुपस्थिति के मुद्दा पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दिखा एकजुट: सदन की कार्यवाही से राज्य सरकार के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आलोचना करते दिखे. पूर्व स्पीकर और रांची विधायक सी पी सिंह ने सदन में अधिकारियों के अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए स्पीकर को यहां तक कह डाला कि आप अपने चैंबर में चले जायें जब अधिकारी आयेंगे तब सदन की कार्यवाही शुरू करावें. उन्होंने कहा कि सरकार के अधिकारी भी मनमानी कर रहे हैं. वहीं विधायक प्रदीप यादव ने भी अधिकारियों की अनुपस्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को सदन की कार्यवाही के वक्त अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराना चाहिए. आजसू प्रमुख सुदेश महतो भी इस मुद्दे पर नाराजगी जताते दिखे. सुदेश महतो ने कहा कि इसी बात से समझा जा सकता है कि राज्य का सर्वोच्च सदन चल रहा हो और अधिकारी इससे इतर कार्य में व्यस्त हों. देर शाम तक सदन में बजट पर हुई चर्चा के बाद सोमवार 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है.