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जरूरी नहीं की 24 घंटे पढ़ाई करें, 8 घंटे ही ठीक से करें वो महत्वपूर्णः IPS विनीत कुमार

अपने करियर की नींव को गहराई प्रदान करने के लिए छात्र बोर्ड एग्जाम के प्रति काफी गंभीर होते हैं. मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम आना वह भी अच्छे प्रतिशत के साथ एक बेहतर कैरियर की नींव रखता है. पर कई बार ऐसी स्थिति होती है जब छात्र अच्छा अंक नहीं ला पाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं. इन सारी बातों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार से खास बातचीत की.

जरूरी नहीं की 24 घंटे पढ़ाई करें, 8 घंटे ही ठीक से करें वो महत्वपूर्णः IPS विनीत कुमार
विनीत कुमार

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Published : Jan 23, 2020, 4:34 PM IST

रांचीः नए साल 2020 का पहला महीना यानी जनवरी खत्म होने वाला है. फरवरी शुरू होते ही जीवन की पहली परीक्षा जो कहीं ना कहीं सबके भविष्य के लिए निर्णायक होता है यानी बोर्ड एग्जाम का समय आ जाएगा. अपने करियर की नींव को गहराई प्रदान करने के लिए छात्र बोर्ड एग्जाम या फिर कहें मेट्रिक का एग्जाम के प्रति काफी गंभीर होते हैं. क्या वाकई मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम आना वह भी अच्छे प्रतिशत के साथ एक बेहतर करियर की नींव रखता है. क्या दूसरे स्थान पर आने वाले छात्र अपने करियर के सर्वोच्च शिखर तक नहीं पहुंच पाते हैं इन सारी बातों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार से खास बातचीत की.

देखें आईपीएस विनीत के साथ खास बातचीत

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मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए ईटीवी भारत एक ऐसे शख्स का साक्षात्कार दिखा रहा है, जिसके कई साथियों ने मैट्रिक की परीक्षा में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया. लेकिन इसके बावजूद वे जीवन की ऊंचाइयों तक पहुंचे. झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार ने बड़ी सहजता के साथ अलग-अलग सवालों का जवाब दिया.

मैट्रिक की परीक्षा में अच्छे मार्क्स सफलता का पैमाना नहीं

आईपीएस विनीत कुमार के अनुसार मैट्रिक के परीक्षा में ही कम नंबर आना जीवन की विफलता नहीं है. विनीत कहते हैं कि वह खुद मैट्रिक के परीक्षा में बेहतर परफॉर्म नहीं कर पाए थे, लेकिन उससे सबक लेते हुए आगे उन्होंने मेहनत किया और पहले इंजीनियर बने और फिर आईपीएस अधिकारी. विनीत के अनुसार पढ़ाई बेहद जरूरी है वह भी लगन के साथ. विनीत कहते हैं कि आप 8 घंटे ही पढ़ें लेकिन 16 घंटे तब भी वह पढ़ाई आपके दिमाग में चलते रहना चाहिए. विनीत के अनुसार दिखावे की पढ़ाई कभी नहीं करनी चाहिए दिखावे की पढ़ाई ही छात्रों के मनोबल को तोड़ देता है. विनीत के अनुसार कई छात्र ऐसे होते हैं जो सिर्फ अपने गार्जियंस को दिखाने के लिए पढ़ाई करते हैं, लेकिन उन छात्रों को यह पता रहता है कि उन्होंने दिखावे की पढ़ाई की है और जब रिजल्ट आने का समय शुरु होता है तो वे धीरे-धीरे अंदर से टूटने लगते हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं.

जीवन सिर्फ आपका नहीं

विनीत के अनुसार किसी भी व्यक्ति का जीवन सिर्फ उसका नहीं होता है. उसके जीवन का कुछ हिस्सा उसके मां-बाप का कुछ उसके भाई-बहन का कुछ उसके दोस्तों का होता है. ऐसे में सभी को अपने मन और मस्तिष्क में यह डाल लेना चाहिए कि उनके एक गलत कदम उठाने से उनके परिवार के ऊपर क्या बीती होगी इसलिए सबसे जरूरी है कि वह अपनी समस्याओं को खुलकर अपने परिवार के सामने रखें.

हर कोई पढाई में नहीं होता अच्छा

आईपीएस विनीत के अनुसार यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए ही बना हो, अगर ऐसा होता तो आज देश में बड़े कारोबारी नहीं होते. विनीत के अनुसार अपना लक्ष्य क्लियर होना चाहिए अगर हमें यह लगता है कि हम पढ़ाई में सक्षम नहीं है तो उसी दिन बेहतर माहौल में अपने परिवार से इस बात का जिक्र कर एक ऐसे दिशा की तरफ बढ़ जाना चाहिए जिस में भी सफलता हासिल होती है और लोग बड़े ओहदे तक जाते हैं.

कितनी देर करें पढाई

मैट्रिक और इंटरमीडिएट के एग्जाम्स अब शुरू होने वाले हैं. विनीत बोलते हैं कि पढ़ाई की कोई सीमा नहीं होती है. कोई 8 घंटे पड़ता है कोई 12 घंटे पड़ता है तो कोई 24 घंटे भी पढ़ाई करता है. लेकिन पढ़ाई आप कितनी देर भी करें आपके दिमाग में वह पढ़ाई हर समय कायम रहना चाहिए सफलता का यही सबसे बड़ा मूल मंत्र है.

कौन हैं आईपीएस विनीत

आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. जमशेदपुर के रहने वाले विनीत कुमार का पैतृक आवास बिहार के नवादा जिले में है. उनके पिता टाटा स्टील जमशेदपुर में कार्यरत हैं, वहीं मां कंचन हाउसवाइफ हैं. तीन भाइयों में सबसे छोटे विनीत ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्वालीफाई किया, जिसके बाद उन्हें आईपीएस मिला. विनीत कुमार धनबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ माइंस से बीटेक भी कर चुके हैं. उन्होंने गुरुग्राम के एक कंपनी में बतौर इंजीनियर के पद पर 8 महीने नौकरी भी की, लेकिन इंजीनियरिंग में उनका मन नहीं लगा. वे चाहते थे कि वह देश सेवा के लिए एक ऐसा करियर चुने जिसमें वे आम लोगों के साथ जुड़कर काम कर सके और इसी चाह में उन्होंने अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया और आईपीएस अधिकारी बने.

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