रांचीः 15 अगस्त को पीएम मोदी ने अपनी घोषणाओं के दौरान देश में युवतियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 करने की बात कही थी. भारत विविधताओं का देश है, जहां अलग-अलग राज्य में कई तरह के रीति-रिवाज है. वहीं, झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, इसलिए पीएम के इस सुझाव को आदिवासी राज्य के नजरिए से देखने की कोशिश करेंगे. इसको लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने रांची विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ करमा उरांव से खास बातचीत की.
लड़की की शादी की उम्र 18 से 21 साल
चाइल्ड मैरिज एक्ट के मुताबिक शादी के लिए लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए. यह व्यवस्था 1978 में शारदा अधिनियम में संशोधन के बाद लागू हुई थी. इससे पहले लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 15 साल थी. अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने की बात हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 15 अगस्त को दिए गए अपने भाषण में इसका जिक्र किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 2020-21 के आम बजट के दौरान अपने भाषण में महिला के मां बनने की सही उम्र के निर्धारण के लिए टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की थी.